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शेव-दर्शनम् यद्यपि यहां पर बहुत कुछ कहना है तथापि ग्रन्थ बड़ा हो जाने के भय से अब हम यहीं रुकें तो इस प्रकार पति, पशु और और पाश के तीन पदार्थ दिखलाये गये हैं । ज्ञानरत्नावली आदि ग्रन्थों में पदार्थों की गणना दूसरे ढंग से प्रसिद्ध है-'पति, विद्या, अविद्या, पशु और कारण । उस ( कारण ) की निवृत्ति के लिए छह पदार्थ संक्षिप्त रूप से कहे गये हैं।' वे सब बातें वहीं से जानी जाये, इस तरह सारी बातें ठीक हैं।
इस प्रकार श्रीमान् सायणमाधव के सर्वदर्शनसंग्रह में
शैव-दर्शन [ समाप्त हुआ ] । इति बालकविनोमाशङ्करेण रचितायां सर्वदर्शनसंग्रहस्य
प्रकाशाख्यायां व्याख्यायां शैवदर्शनमवसितम् ॥