________________
७१. जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा : परिशिष्ट १६ आयारो तह आयारचूला मूलपाठ-मुनि नथमल-श्वे. तेरापंथो महासभा,
कलकत्ता-१ १७ आचारांग प्रथम श्रुतस्कन्ध, मूलपाठ-सं. छाया, शब्दार्थ, भावार्थ, टिप्पणसहित
-श्री सोभागमलजी म. जैन साहित्य समिति, नयापुरा, उज्जैन १८ आचारांगसूत्र प्रथम और द्वितीय श्रुतस्कन्ध- संस्कृत छाया, पदार्थान्वय, मूलार्थ,
हिन्दी विवेचन--सं. मुनि समदर्शी स्व. श्री आत्मारामजी महाराज-जैनस्थानक,
लुधियाना १६ आचारांगनियुक्ति शीलांककृत टीका सहित--जैनानन्द पुस्तकालय गोपीपुरा ...सूरत, सन् १९३५ २० आचारांगचूणि-ऋषभदेवजी केसरीमलजी श्वे. सं. रतलाम, सन् १९४१ २१ आचारांगदीपिका---अजितदेवसूरि, प्रथम श्रुत-स्कन्ध, मणिविजयजी गणिवर ग्रन्थमाला, लीच. वि. सं. २००५
. सूत्रकृतांग १ नियुक्ति व शीलाङ्क की टीका के साथ-आगमोदय समिति, बम्बई, सन् १९१७;
गोडीपार्श्व जैन ग्रन्थमाला, बम्बई सन् १९५० २ शीलाङ्क, हर्षकुल व पावचन्द्र की टीकाओं के साथ-धनपतसिंह कलकत्ता, .., वि. सं. १६३६ .... ३ अंग्रेजी अनुवाद-H. Jacobi, S. B. E. Series, Vol.45, Oxford 1895 ४ हिन्दी छायानुवाद-गोपालदास जीवाभाई पटेल, श्वे. स्था. जैन कान्फ्रेंस, बम्बई,
सन् १९३८ ५ हिन्दी अनुवाद सहित-अमोलक ऋषि, हैदराबाद, वी. सं. २४४६ ६ नियुक्ति सहित—पी. एल. वैद्य, पूना, १९२८ ७ गुजराती छायानुवाद----गोपालदास जीवाभाई पटेल, पूंजाभाई जैन ग्रन्थमाला,
अहमदाबाद ८ प्रथम श्रुतस्कन्ध शीलाङ्ककृत टीका व उसके हिन्दी अनुवाद के साथ
अम्बिकादत्त ओझा, महावीर जैन ज्ञानोदय सोसायटी, राजकोट, वि. सं. १९६३१९९५; द्वितीय श्रुतस्कन्ध हिन्दी अनुवाद सहित---अम्बिकादत्त ओझा, बेंगलोर वि. सं. १९९७ ६ हिन्दी अर्थ विवेचन सहित--आचार्य आत्माराम जी म. आचार्य श्री आत्माराम
जैन प्रकाशन समिति, लुधियाना, वि. सं. २०३२ १० सूत्रकृतांगनियुक्ति सूत्र सहित-सम्पादक डॉ. पी. एल. वैद्य, सन् १९२८
पूना (महाराष्ट्र) ११ मूत्रकृतांग चूणि-ऋषभदेवजी केसरीमलजी, श्वे. सं. रतलाम, सन् १९४१ १२ हर्ष कुलकृत विवरण सहित--भीमसी माणेक, बम्बई, वि.सं. १९३६