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________________ १ २ ५ ६ ७ ३ ४ नहिं ऐसो जन्म बार-बार कषाय विजय ऐसे पुत्र से क्या...? लेखा जोखा ८ ९ १० ११ १२ १३ १४ • अनुक्रमणिका • मंगलमय धर्म दीप प्रार्थना के इन स्वरों में....... तिन्नाणं तारियाणं २५ २६ बहुपुण्य केरा पुत्रज थी..... करमगति टारी नॉहि टरे जाणो पेले रे पार यादृशी भावना यस्य कटुकवचन मत बोल रे सही सयानो काम ! अनमोल सांसे जब थांरी गाडी हँकबा में १५ १६ १७ १८ १९ मानव जीवन की महत्ता २० बलिहारी गुरु आपकी भावना और भक्ति रक्षाबंधन का रहस्य अमरता की ओर ! २१ २२ २३ २४ सर्वस्य लोचनं शास्त्रं अमरत्व प्रदायिनी अनुकंपा दुर्गति नाशक दान गुणानुराग मुक्ति का मार्ग है जन्माष्टमी से शिक्षा लो ! धर्म का रहस्य २७ सुनहरा शैशव २८ नेकी कर कूएँ में डाल ! - १ १४ २५ ४० ५२ ६२ ७४ ८४ ९५ ११० १२८ १३९ १४९ १६१ १७३ १८९ १९७ २०६ २२२ २३४ २४४ २५५ २६९ २८२ २९३ ३०५ ३१६ ३२३
SR No.091002
Book TitleAnand Pravachana Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandrushi
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1994
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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