________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(७८२)
प्रत्यग्रह-अहिच्छत्र। प्रभास-काठियावाड़ ( जूनागढ़) में सोमनाथ का प्रसिद्ध तीर्थ, प्राचीन नाम देवपत्तन । यही
भगवान कृष्ण का प्राणोत्सर्ग हुआ था। प्रयाग-प्राचीन कोसल का वह भाग, जिसकी राजधानी प्रतिष्ठान (झूसी) थी। इतिहास में पुरूरवा ( दुष्यन्त), नहुष, ययाति, पुरु, भरत का सम्पर्क इधर से ही अधिक रहा है, आधुनिक इलाहाबाद। अवरपुर-प्रवरसेन द्वितीय द्वारा प्रतिष्ठापित ( काश्मीर की राजधानी) श्रीनगर । प्रस्थल-फिरोजपुर-पटियाला-सिरसा के अन्तर्गत प्रदेश । (मार्क०) प्रस्रवण- गोदावरी के तट पर, जनस्थान में शोभायमान ( औरंगाबाद ) की पहाड़ियाँ, जिन्हें
रामायण में माल्यवान् (गिरि ) भी कहा गया है। प्रह्लादपुरी-मुलतान ! प्राग्योतिष-प्राचीन 'कामरूप' की राजधानी-कामाख्या, गोहाटी। प्राध्य-(सरस्वती के ) दक्षिण-पूर्व का भारतवर्ष । फल्गु-निरंजना नदी-भगवान बुद्ध के नव जन्म एवं बोध की भूमि । ( अश्वमेध ) बंग-बंगाल', किन्तु दे० पंचगौड़। बदरी-बदरिकाश्रम, बदरीनाथ । दे० पंचबदरी। बालुकेश्वर-(बम्बई के निकट ) 'मालाबार हिल'। बालोक्ष-बलोचिस्तान । ( अवदानकल्पलता) 'बिन्दुसर-गंगोत्तरी के दो मील दक्षिण की ओर, 'रुद्र हिमालय' पर प्रसिद्ध सरोवर, जो भगीरथ
की तपोभूमि था। बेस्सनगर-वैश्यनगर (१) भूपाल में, साँची के निकट, भीलसा से तीन मील पर, चैत्यनगर,
जो प्राचीन दशार्ण की राजधानी था । दे० चैत्यगिरि। ब्रह्मकुण्ड-ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्रोत । ब्रह्मदेश-बर्मा। ब्रह्मनाल-काशी मैं, 'मणिकर्णिका' कुण्ड । ब्रह्मर्षिदेश-ब्रह्मावर्त तथा यमुना के अन्तर्गत देश-जिसमें कुरुक्षेत्र, मत्स्य, पंचाल तथा शूरसेन
समाविष्ट थे। (मनुसं०) ब्रह्मसर-रामहद। ब्रह्मावर्त्त-सरस्वती तथा दृषद्वती का 'मध्यप्रदेश', जो आर्यों का प्रथम 'उपनिवेश' था। भद्रा-यारकंद, तथा यारकंद की ज़रफ़्शा नदी। भरु (भृगु) कच्छ ?-भडोच, जहाँ वामन ने राजा बली का अभिमान भंग किया था। भारतवर्ष-भरत के नाम से 'भारतवर्ष कहलाने से पूर्व हमारे देश का नाम 'हिमा अपिवा 'हैमवत' था। अर्थात् मूल अर्थों में भारतवर्ष 'उत्तर भारत का नाम था । मार्कण्डेय तथा विष्णुपुराण के अनुसार भारतवर्ष की सीमाएँ थी--उत्तर में हिमालय, दक्षिण में समुद्र, पश्चिम में यवन तथा पूर्व में किरात । दक्षिणापथ में प्रथम प्रवेश अगस्त्य ने, पश्चात् अशोक के धर्म ने तथा समुद्रगुप्त की बाहुओं ने किया था। भार्गव-पश्चिमी आसाम । ( ब्रह्माण्ड०) ' भास्करक्षेत्र-प्रयाग । (प्रायश्चित्ततच्च ) भीम(7)-विदर्भ ( देश, एवं नदी)। भोज (पाल)-मध्यभारत में, राजा भोज के बनाये ( झीलों के ) पालों ( बाँधों ) के नाम पर 'भूपाल' (देश)।
For Private And Personal Use Only