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________________ "इतने दिनों तक भागते रहने की कैफ़ियत देनी पड़ेगी, चलो", अनुपमा ने जरा रूखे स्वर में कहा, "तुम्हें तो पता नहीं, पर मैं जानती हूँ कि उसने तुम्हारे लिए कितने आंसू बहाये हैं, अब उससे एक बार मिले बिना तुम नहीं जा सकते।" यह बात उसकी सहपाठिनी अनुपमा कह रही थी। स्नेह और आदेश दोनों ही उसे उस ओर खींचे चले जा रहे थे। उन्हे ठुकरा देने का उसे कोई उपाय नहीं दीख रहा था । उसने पूछा : "किन्तु, आरती से कहूँगा क्या ?" __"सो तुम जानो। देश भर के लोगों को उपदेश देते फिरते हो, तो क्या आरती को नहीं दे सकते !" अनुपमा ने चुटकी ली। "जैसे मुझे उपदेश दे रहे थे, वैसे ही उसे भी दे देना।" "तुम्हें तो मैंने कोई उपदेश नहीं दिया !" "नहीं दिया है ?" अनुपमा की कजरारी आंखों में एक प्रश्नसूचक भाव तर गया.। "हाँ, मुंह से ऐसा कुछ नहीं कहा, लेकिन परोक्ष रूप से तो उपदेश देते रहे । तुम्हारे मुखड़े को देखकर ही मैंने सबको क्षमा कर दिया है।" रूपनारायण की आँखें छलछला आयीं ! "मेरे मुखड़े को देखकर यह सबको क्षमा कर रही है। यह मानवी है या देवी ?" रूपनारायण ने अपने आपसे ही पूछा। उसने कहा : "चलो, चलता हूँ पर याद रखना, शइकीया से मेरी बातें नहीं हो पायी हैं । इधर रात में ही वापस होना होगा।" अनुपमा ख श थी। उसका प्रस्ताव व्यर्थ नहीं गया । उसने कहा : "यह सब भी हो जायेगा। उन्हें दूध लाने के लिए पुरणि गोदाम की ओर जाना ही है। अपनी गाड़ी से ही तुम लोगों को भी उधर छोड़ते आयेंगे ! टिकौ ने बताया था कि तुम लोगों को उधर ही कहीं जाना है।" रूपनारायण को अनुपमा की बातों पर पूरा भरोसा हो चला था। उसने जैसे याद दिलाते हुए कहा : "चलो, चलता हूँ। लेकिन देखती रहना । कहीं कोई ऐसी-वैसी वात न हो जाय !" रूपनारायण ने एकदम ठीक कहा था। अनुपमा ने एक बार फिर आश्वस्त करते हुए कहा : "ऐसा कुछ न होगा। निश्चिन्त रहो । और कुछ हो जाये तो मुझे कहना । अब जान-बूझकर अपने कर्तव्य से मुंह भी तो नहीं मोड़ना चाहिए।" ___यह कर्तव्य का ही बंधन था जिसे निबाहना था। अनुपमा आगे-आगे चल रही थी । रूपनारायण उसके पीछे सिर झुकाये चला जा रहा था। थोड़ी देर में दोनों दरवाजा लाँघकर भीतर एक कमरे में प्रविष्ट हुए। 244 / मृत्युंजय
SR No.090552
Book TitleMrutyunjaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBirendrakumar Bhattacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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