________________
व्रत कथा कोष
-
३२९
अथ धर्मप्रभावनांग व्रत कथा व्रत विधि :-पहले के समान करे, अन्तर सिर्फ इतना है कि कार्तिक शु० ७ को एकाशन करे, ८ के दिन उपवास करे ।
जाप :- ॐ ह्रीं प्रहं वात्यसल्यसम्यग्दर्शनांगाय नमः स्वाहा ।
पाठ दम्पति को खाना खिलाये । यहां सम्यग्दर्शन का पालन व्रजकुमार मुनि ने किया था ।
अथ धर्मध्यान प्राप्ति व्रत कथा व्रत विधि :-पहले के समान करे । अन्तर सिर्फ इतना है कि वैशाख कृ० १३ के दिन एकाशन करे । १५ के दिन पूजा, पाराधना व मन्त्र जाप आदि करे ।
____धर्मोदय व्रत कथा पौष महिने के पहले शुक्रवार को शुद्ध होकर जिन मन्दिर जी जावे, प्रदक्षिणा पूर्वक भगवान को नामस्कार करे, पार्श्वनाथ धरणेन्द्र पद्मावति की प्रतिमा स्थापन कर पंचामृताभिषेक करे, अष्ट द्रव्य से भगवान की पूजा करे, गुरु व शास्त्र की पूजा करे, नैवेद्य चढ़ावे ।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं अर्ह पार्श्वनाथ तीर्थंकराय धरणेन्द्र पद्मावति सहिताय नमः स्वाहा ।
इस मन्त्र से १०८ पुष्प लेकर जाप्य करे, णमोकार मन्त्र का १०८ बार जाप्य करे, व्रत कथा पढ़े, एक पूर्ण अर्घ्य चढ़ावे, यथाशक्ति उपवास करे, ब्रह्मचर्य का पालन करे ।
इस प्रकार पाठ शुक्रवार पूजा करके नवें शुक्रवार को उद्यापन करे, उस समय पार्श्वनाथ विधान करके महाभिषेक करे, चतुर्विध संघ को चारों प्रकार का दान देवे ।
----- कथा ___ इस व्रत को धर्मराज युधिष्ठिर आदि पांच भाइयों ने किया था, इसके फलस्वरूप उसी भव से मोक्ष गये ।
रानी चेलना व श्रेणिक की कथा पढ़े।