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परम पूज्य श्री १०८ सन्मार्ग दिवाकर निमित्त ज्ञान शिरोमणि 'खण्ड विद्या धुरंधर" प्राचार्य विमल सागरजी महाराज का
मंगलमय शुभाशीर्वाद मुझे यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता है कि श्री दिगम्बर जैन कुथु विजय ग्रंथमाला समिति जयपुर (राजस्थान) से सतरहवें पुष्प के रूप में "व्रत कथा कोष" ग्रंथ का प्रकाशन हो रहा है । इस ग्रथ का संकलन गणधराचार्य कुथुसागरजी महाराज ने कठिन परिश्रम करके किया हैं। इसके लिये महाराज को हमारा आशीर्वाद है कि भविष्य में भी इसी प्रकार के महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का संग्रह करने का कार्य करते रहे।
प्रकाशित हो रहे, ग्रंथ के माध्यम से भव्य जीव व्रतों की जानकारी प्राप्त कर, उनका महत्त्व समझ कर, व्रत धारण कर पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकेगे, ऐसा हमारा पूर्ण विश्वास है।
__ ग्रंथमाला समिति बहुत ही लगन व परिश्रम से कार्य करके निरन्तर ही महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का प्रकाशन कार्य कर रही है। श्री शान्ति कुमार जी गंगवाल जो कि ग्रंथमाला के प्रकाशन संयोजक है उनकी सेवाएं अत्यन्त प्रशंशनीय है । ग्रंथमाला समिति इसी प्रकार आगे भी महत्त्वपूर्ण ग्रथों का प्रकाशन कर जिनवाणी प्रचार-प्रसार सेवा का कार्य करती रहे, इसके लिये गंगालजी को व इनके अन्य सभी सहयोगियों को हमारा बहुत २ मंगलमय शुभाशीर्वाद है।
प्राचार्य विमलसागर