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SADRISIRIDICISIOISO15 विरानुशासन PASTERSIC151055050ASI
इष्ट ग्राम लभते पद्मन घृतेन यामुना होमात्, पर राज्य जये राज्ञो होमात ज्योतिष्मति तैलैन्
॥१८॥ इस मंत्र के द्वारा कमल के होम से इच्छा किया हुआ गाँव मिल जाता है। यदि राजा ज्योतिष्मति (मालकागना) के तेल से हवन करे तो वह दूसरों के राज्य को जीत ले।
अश्वत्थस्य समिनि महिषी पत संयुता,
भिरेतेन एक मासं होम्स इष्ट कामयापति इस मंत्र से भैंस के घृत में डुबोकर पीपल की लकड़ियों की समिधा से होम करने से इच्छा की हुई कन्या को एक मास में प्राप्त करता है।
पात यक्तौदन होमात धनधान्य जप श्रियो.
ऽमुना लयते पानीय मजीर्ण धुराग कदशनं च तत् जप्तं ॥२०॥ घृत औप भात केहोम से धनधान्य और विजय की लक्ष्मी को पाता है इस से जप कर पिया हुआ जल अजीर्ण को दूर करता है। तथा इससे अभिमंत्रित किया जाकर खाया हुआ भोजन प्रेम को उत्पन्न करता है।
वड़वा मुरवाग्रि मनिं ध्यात्वा जुहूयात् पतेन पायसपिई
तत्र पy संतुष्ट : संन्निहितोमि दरिद्र भावं हन्यात् ॥२१॥ वडवानि (समुद्र की अग्रि) के मुख के समान ध्यान करके घृत और खीर सहित हवन करे तो अग्नि अत्यंत संतुष्ट होकर दरिद्र भाव को नष्ट करती है।
पुराणोयोगि युक पूर्व विविक्तो नुततः,
परं/ौयान विनि युतोते स्यात्तमः शास्तुमसौ मनुः ॥२२॥ पुराण (फ) योगि (ऐ) विविक्त (म) परम (र) सहित मंत्र को जपने से शांति होती है।
स्थित माध्याय शास्तार मघस्तान कल्प भरुहः,
लक्षं जपेदमुं मंत्रं महत्स्वर्ण मवाप्नुयात् ॥२३॥ यदि कल्प वृक्ष (मेहडा) के पेड़ के नीचे बैठकर एक लाख जप करे तो बहुत सा सोना पाए।
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॥२४॥
मंत्र: शास्तु सौरव्यं भूताधिपतये नमः
इति प्रसिद्धि मायाति लक्षरूप प्रजाप्यतः इस मंत्र को एक लाख जपने से प्रसिद्धि मिलती है। SSCIETORIEDOISSISTA5[९७१ PETOTSIDISTOISTRI5DKOSH