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CSIRIDIOISTRISTRI5015 विद्यानुशासन ADIDIEOSRISDISEASE
प्रातः शुद्धोभूत्वा समर्चोदयंत्रं देवता नित्यं, परिजप्प मूल मंत्रं वारान सप्ताथ तत्पश्येत्
॥११७॥ प्रातःकाल के समय शुद्ध होकर प्रतिदिन यंत्र के देवता के मूल मंत्र को सात बार जप करके पूजन करके उसे देखे।
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क्षुद्राव्य वचोच्चाटन विद्वेष स्तंभ बैरि रीति कतैः,
बहु विध चरा चरोद्भव गरल नवग्रह पिशाचायैः ॥११८॥ SERISTOTSTRASOIDIOSE0951 ८३२ PMIDIOSRIDICTICTIONARIES