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________________ SIOSRIDIDI5015155 विद्यानुशासन 851035RITICISTOISTOISS स्नुक काको उदंबराकाणां क्षीरैः पिष्टं सितार्कजं, मूलमालेपनात केशान कुर्यात् स्वेत यावां कुरान ॥१३४ ।। थूहर काकोंदुबर (गूलर) आक के दूध से पिसी हुर्थी सफेद आक की जड़ के लेप से बाल जौ अंकुरों के सामन सफेद हो जाते हैं। सिद्धार्था मलक रजः स्नगर्क पासा सुभावितं लिप्त, पलितानि करोति कचानऽमधित सेको भवेद् द्यावत् ॥१३५ ।। सफेद सरसों आमला के चूर्ण को स्नूकाथोहर) और आक के दूध से भावना देकर लेप करने से बाल तब तक सफेद रहते हैं जब तक अमथित सेक (बराबर भिगोना) नहीं होता । गुंजा भूले शिला शरव चूर्णः कृत विलेपनं, धात्र्याम्लपिष्टे रचितान केशानां नाशनं भवेत् ॥१३६ ॥ गुंजा (चोटली) की जड़ मनशिल शंख चूर्ण को धात्री (धाय के फूल) और आमले के चूर्ण के लेप से बाल नष्ट हो जाते हैं। नाशयेत्मागधी चूर्णः स्नूकक्षीर बहुभावितः, स्नामा मलक संयुक्ते द्विषतं कच संचयः ||१३७॥ स्नूक (थूहर) के दूध में बहुत बार भावना दिया हुआ मागधी(पीपल) के चूर्ण बालों को नष्ट करता है उसमें आमला मिलाकर स्नान करने से बाल इकट्ठे हो जाते हैं। ब्राहाणी पुच्छ चूर्णेन राजी तैल विमिश्रितां, सप्ताहं गुप्त सं लिप्त मुक्त केश विनाशतः ॥१३८॥ ब्राह्मणी (ब्रामणी सप) के पूँछ के चूर्ण को सफेद सरसों के तेल में मिलाकर सात दिन तक गुप्त अंग पर लेप करने से बाल सफा हो जाते हैं। ॥१३९॥ सप्ताह हेम तैलस्ट मध्येषु विहितं हरेत्, लिप्तं भुजंग लांगुलं कचान रोमाणि च स्फुट सात दिन तक हेम (धतूरे) के बीजों के तेल को मलने से और सर्प की पूँछ का लेप करने से बाल और रोम सभी साफ हो जाते हैं। SIRISTRISTRISTOTRESI७९१P/585DISTRIEDISTRISION
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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