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________________ PSP59ST 55 विद्यानुशासन 9595 P5PSPS ॐ ह्रीं क्रों रम्यूं कृष्ण वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वायो तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं ॥ ॐ ह्रीं क्रौं कृष्ण वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वायो सन्निहितो भव भव वषट स्वाहा सन्निधि करणं ॥ ॐ ह्रीं क्रीं रम्यू कृष्ण वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वायो आत्म द्वारं रक्ष रक्ष इद मध्ये पाद्यं गंद्यं अक्षतं दीपं धूपं चरू बलिं फलं गृन्हगृह स्वाहा अर्चनं ॥ ॐ ह्रीं क्रौं मल्यू कृष्ण वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वायो स्वस्थानं गच्छ गच्छ जः जः जः विसर्जनं ॥ ॐ ह्रीं क्रौं ह्य् म्ल्यू इम्ल्यं समस्त वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे धनद एहि एहि संवोषट आह्वाननं ॥ ॐ ह्रीं कों उम्ल्यू ठुम्ल्यूं समस्तवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे धनद तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं ॥ ॐ ह्रीं क्रीं छम्ल्यू व्ल्यूं समस्तवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे धनद मम् सन्निहितो भव भव यषट स्वाहा सन्निधिकरणं ।। ॐ ह्रीं क्रौ छम्ल्यू ठुम्ल्यू समस्त वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे धनद आत्म द्वारं रक्ष रक्ष इद मध्ये पाद्यं गंधं अक्षतं दीपं धूपं चरुं बलिं फलं गृन्ह - गृह स्वाहा अर्चनं ॥ ॐ ह्रीं क्रौ छम्ल्यू ठुम्लयूं समस्तवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे धनद स्वस्थानं गच्छ गच्छ जः जः जः विसर्जनं ॥ ॐ ह्रीं क्रौं कल्यू वेत वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे ईशान एहि एहि संघोषट आह्वाननं ॥ Pちこちから559525443 P5555555
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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