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________________ S5I050505865105 विधानुशासन VSTRASIRIDICTOISTD355 ॐ ह्रीं क्रौं रम्ल्व्य हरितवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे नैऋते अत्र तिष्ठ-तिष्ठ ठःठः स्थापनं ।। ॐहीं क्रौं रम्ल्यू हरितवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुधवाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे नैऋते मम सन्निहितो भव-भव वषट स्वाहा सन्निधि करणं ।। ॐ ह्रीं क्रौं रम्ल्यू हरित वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुधवाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे नैऋते आत्म द्वारं रक्ष-रक्ष इदं मर्दा पायं गंां अक्षतं दीपं यूपंचकं बलिंफलं गन्हगृह स्वाहा अर्चनं ।। ॐ ह्रीं क्रौं रम्ल्यू हरित वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे नैऋते स्वस्थानं गच्छ-गच्छ जः जः जः विसर्जनं ।। ॐ ह्रीं क्रौं एम्ल्यूँ इम्ल्यूँ श्वेत वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण प्लायव वान शझुचिन्ह सपिरवार हे वरुण एहि-एहि संवोषट आहवाननं ।। ॐ ह्रीं क्रौं एम्ल्यूँ इम्ल्यू श्वेतवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वरुण तिष्ठ-तिष्ठठाठः स्थापनं ॥ ॐ ह्रीं कौं एम्ल्यूँ इम्ल्यूँ श्वेतवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वरूण सन्निहितो भव-भव वषट स्वाहा सन्निधि करणं ।। ॐ हीं क्रौं एम्ल्यू झाल्यूँ श्वेतवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वरूण आत्म द्वारं रक्ष-रक्ष इदं मध्यं पाद्यं गंटां मक्षतं दीपं धूपं चरूं बलिं फलं गन्ह- गन्ह स्वाहा अर्चनं ।। ॐ ह्रीं क्रौं म्ल्यू भल्यूं घेत वर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुध वाहन वधु चिन्ह सपिरवार हे वरूण स्वस्थानं गच्छ-गच्छ जःजःजः विसर्जनं ।। ॐह्रीं क्रौं रब्ल्यू कृष्णवर्ण सर्वलक्षण संपूर्ण स्वायुधवाहनवधुचिन्ह सपिरवार हे वायो एहि एहि संवोषट आहवाननं ॥ SHOTTESTRASTRISCIEDIE5/५८२ PISIOTICISTRICKSTPISCES -----
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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