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CASTOTRICISTOREDICTIOTE विद्यानुशाशन CIDEOSTOISTOTRICIATIONS
चन्द्र बीज विष मृत्यु गरूड बीज, विषनाशक कुबेर बीज, उत्तराभिमुख होकर चार लाख जप से सिद्ध होता है। धन धान्य समृद्धि, शंख और पद्मनिधि को करने वाला असुर बीज और तीन लाख जप से सिद्ध होता है। अष्ट वसुधा बीज, जपात् धन धान्य समृद्धि कारक यमराज नी मृत्युनाशनम् दुर्गा बीज, सत्य पुष्टिकारक सूर्य बीजं, जय-सुखकरं ज्वर बीजं, स्वर देवता वीरभद्र बीज, सूर्य विघ्न विनाशनं फं विष्णु बीज, धन-धान्य वर्द्धक ब्रह्म बीज, वात-पित्त-कफ श्लेष्म नाशक भद्रकाली बीज, भूत-प्रेत-पिशाचभयोच्चाटन मालाग्नि रूद्र बीज, स्तोभन, मोहन, विद्वेषण करं भूत-प्रेत पिशाचाद्याहाननं अष्ट महासिद्धिकरं वायु बीजं, उच्चाटनं आग्नेय बीजं, उग्रकर्म कार्यकारक इन्द्रबीजं धनधान्य सम्पत्करं ऋणबीजं, विष-मृत्यु नाशनं लक्ष्मी ब्रीजं, एक लाख जप से श्री कारक सर्यबीजं. धर्मार्थकाम-मोक्ष कारक वागीशं ज्ञानकारक-बचन सिद्धि कारक शिवबीज, दस हजार जप से कार्य सिद्ध भूबीज-भूलाभकर
नृसिंह बीज, दस हजार जप से मृत्युनाश होता है। नोटः इन अक्षरों की सिद्धि पृथक पृथक की जाती है।हींकार को मध्य में और अकारादि'क्ष'पर्यन्त अक्षरों को लिखकर उनमें अक्षरों की मणिरूप स्थापन कर उनमें जप करने पर सह कार्य सिद्ध होते