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________________ SCRISISTERI50151057 विद्यानुशासन STRESIDISTRASIRISDIEI पक्षिना यत्तिता धूपः पक्ष वीक्षण.भागज: जातमा सप्त दिवसात् कुमारमभि रक्षति पक्षियों के दाहिने भाग के पंखो से तुरन्त के बालक को सात दिन तक धूप देने से उनकी रक्षा होती है। हिंगू ग्राबह निग्गुडिनिंब पत्र पूरैः कृतः शिशो शय्या तलो पाते धूपो बालग्रह्मपहं: ॥७ ॥ हींग बच मोर की पूंछ के चंदया निर्गुडि और नीम के पत्तों की बालक की चारपाई के नीचे धूप देने से बाल ग्रह नष्ट होते हैं। लाक्षाद्वि हिंगु येणुत्वक मांसि निर्माल्य राजिभिः न केशनिंब पत्रै श्च धूपौ बालग्रहापहं : ॥८॥ दोनों लाख हिंग बांस की छाल मांस निर्माल्य (देवपूजन का चढ़ा हुआ द्रव्य) राई आदमी के शिर के बाल और नीम के पत्तों की धूप से बालक के ग्रह नष्ट होते हैं। निंबोग्रेमनरयाऽहि त्वक द्वि हिंगवाज्योनुविजलैः ससेव्य विहितो धूपः सर्वदुष्ट बालग्रहापहः ॥९॥ नीम उग्र (वच-लहसून) हाथी के लागून सर्प कांचलीोनों हींग और हींगडा घृत और विजलै की सेवा सहित धूप देने से सभी दुष्ट अथया बालग्रह नष्ट होते हैं। पतार्क दुग्ध कुनटी विश्व मेषज लेपन कृतस्त् भूतग्रह व्याधि विग्रेभ्योस्त्रायते शिशु: ॥१०॥ घृत आक का दूध कुनटी (मेनसिल) और विश्व भेषज (सोंठ) का लेप करने से भी सभी भूत ग्रह ब्याधि विघ्नो से बालक की रक्षा होती है। (विघ्नेभोय विषेभ्यों- विनों , विषों से , जहर से) गो गजेन्द्र विषाणाग्र यत मत समयेतया पुंडो रोचनया कप्तःशिशो हभयापहः ॥११॥ गाय के सींग हाथी की सूंड के अग्रभाग पर लगी हुई मिट्टी तिलक पुष्प और गोरोचन के लेप करने से सभी बालग्रहों का भय दूर हो जाता है। QV5NGE Yte Bಡಣದಡದ
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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