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________________ 95015015ORDISIS विधानुशासन ISI85121595015015 ॐ नमो भगवते श्री घोणसे हरे हरे यो वरे तरे तरे व व यल यल ला ला रा रा रौं रौं 55 रःरः रस रस लस लस मां क्ष्मी झूक्ष्मों मःहां हीं हूं हौंहनमः श्री योणसे ययघपयय स स स स स हहहहह व व व व व ढ ढ ढढतत तत त ग ग ग ग ग वर विंहगम भुजे क्ष्मांक्ष्मी मूक्ष्मौं क्ष्मः हा ही हौं हःहीं शोषरा शोषय रोषय रोषय ॐआं को ह्रीं ह्रःजःजःज: ठ ठॐ ह्रीं श्री योणसे नम देवदत्तस्टा शांति तुष्टिं पुष्टिं ग्रहोप शांति सर्वजन वश्यं च कुरु कुरु स्वाहा। यह मंत्र कर्णिका में लिखे। May EnhaATRI M . . . . . . . . . mom । MUM htt natak . । Romamana .. mean JINNI SUNN . . . . R Ammons र - Aलीन, . - तहा। उसके बाहर हीं से तीन बार थेष्टित करके क्रों कार से निरोध करे। उसके बाहर पूर्वोक्त मंत्र लिखें। ॐ नमो भगवते श्री योणसे हरे हरे बरे वरं तरे तरे यः वःवल वल ला ला रा रा रीं क्रू र: रः रस रस लस लस | Q555555 39, 8555555
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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