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CASTOTSTRAOISODE
विद्यानुशासन SISTOTSICISIOISTOTSIDESI आकाशगामी मंत्र
ॐ णमो जिणाणं ॐ णमो विउव्वन इट्ठि पत्ताणं ॐ णमो पत्ताणं ॐ णमो विज्जाहाणं ॐ णमो चारणाणं णमो.पणसमणाणं ॐ णमो आगास गामीणं
सौं झौं स्वाहा अनेन बहिरंग कालादि सहितस्य खेचरत्वं सिद्धति। इस मंत्र से बाहर के काल आदि को जानकर सिद्ध करने वाले को आकाश गामिनी विद्या सिद्ध हो जाती है।
स्वम सिद्ध ॐ णमो जिणाणं से ॐ णमो आगास गामीणं हा ही ह्रौं हू: अप्रति चक्रे फट विचकाट असि आउसा झौं झौं स्वाहा अनेनापि स्वप्र सिद्धि इस मंत्र से स्वप्न सिद्धि होती है।
विषापहार ॐ णमो जिणाणं ॐ णमो आसी विषाणं ॐ णमो दिट्ठी विषाणं झौं झौं स्वाहा।
इत्योनेन विषापहार सिद्धि । इस मंत्र से विष को नष्ट करने की सिद्धि होती है ।
ॐ णमोजिणाणंॐणमो उग्गलवाणंॐणमोदित्तत वाणं ॐणमोतन्तत्त्ववाणं ॐणमो.महात याणं ॐ णमो घोर गुणाणं ॐणमो योर परकमाणं ॐ णमो योर गुण ब्रह्मचारिणं झौं झौं स्वाहा ।
अनेन मंत्रेण शत्रुजय इस मंत्र से शत्रु जीते जाते हैं।
ॐणमो जिणाणंॐणमो आमोसहि पत्ताणं ॐणमो खेलो सहि पत्ताणं ॐ णमो जल्लो सहि पत्ताणं ॐ णमो विप्पोसहि पत्ताणं ॐ णमो सव्वोसहि पत्ताणं हां हीं हूं ह: अप्रति चके फट् विचक्राय
असि आउसा झौं झौं स्वाहाइत्येनन सर्वरोग शांति इस मंत्र से सब रोग शांत होते हैं।
ॐणमो जिणाणं ॐ णमो मण बलिणं ॐणमोणमो वचि बलिणं ॐणमो काय
बलिणं ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं हः अप्रति चक्रे फट विचकाट असि आउसा झौं झौं स्वाहा ॥ SSCIETRISISTERISTRISODE २९८-15105STRIOTICISIO1510758