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________________ CASTOTSIDDOSTOIED विधानुशासन 95851095DIEOSRESS ॐनमो भगवते मदमुदित मोहे वागीशरी कलिकुंडं मुक्ती प्रसादेन आंको ही बसेंद्रां द्रीं क्लीं ब्लूं सः सर्वजन वश्यं कुरु कुरु वषट्। वसिययरण काम मोहण मणिया जंतेण कलिय कुसि। सिय वसणे सिय सहोणि खजई जासला काई ॥ जाई पणं रत्त चट कर बीर मल्लियाई इय पसुण। जव इणिच पमाणं अठसयं आठ दिवस कमे॥ अहवा वेढई सिद्धे जंतं काऊणभट पुरोलिरवं। उबलिं पूप विहाणं पुव्व वहिं जाण सुणि णाहो। भूमितले णिरवी वियं पूपं काउण रक्ष कुसुमेण। एसई कलि कुंडाणं सात दिणे रावपसि टाराणं। तश्य चक्रं समाप्तं ॥ अर्थः- यह यंत्र लिखकर अंदर नाम जो कार्य लिखे येष्टित यंत्र में करें यंत्र धारण करें तो मनोवांछित कार्य करे। फिर यह यंत्र सर्वजोगिनी से वेष्टित करे ६४ योगीनी से वेष्टित करे यह यंत्र मोहन है ।जोगिनी चारों तरफ लिखे और कलिकुंड मंत्र मुख करता लिखे जिसके सहश्र वर्ष पर्यंत प्रभाव कहा है। १०८ दीपक संध्याकाल देवे समभाव कर ध्यान करें। जिसका २००० होम करे और २० हजार जप करें पार्थदिशा में मुखकर जप करें। आठों दिशामि एकाएक और एक मध्ये यशी करण पल्लव पढ़े व यंत्र में लिखे तो कार्य सिद्ध करता है। १६ कला एक एक वेष्टित करे रोघण करे कोणायां अनुक्रम से लिखे अंतर कोण सहित सो द्रावण संज्ञा है। अंदर और बाहर आठ कोण लिखे अंदर से अंदर आचार्य लिखेगतिरूद्ध अग्रदल में है भांति सर्व स्थान से वेष्टित करें? ऐसा जो कलिकुंड आचार्य उनकी स्तुति पूजा से ज्ञान प्राप्त होता है। ॐ नमो भगवति इत्यादि यंत्र वशीकरण है कलिकुंड स्वामी का यह मंत्र मोहन मंत्र है।जाति पुष्प चमेली लाल कनेर मालती आदि १०८ फूल प्रमाणिक अतिशय कर्मकारी है। यह यंत्र सिद्ध कर्ता इसे कपड़े के संपुट में लिखकर पूर्व लिखित पुष्प से पूर्ववत् समझकर जाप करें। इस यंत्र को पृथ्वी में लिखकर लाल फूलों से सात दिन जप करके गाड़ने से राज्य वशीकरण जानो। ಗದಡದಡಿ 346 ಪಥದಲೂಗಡಣೆ
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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