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________________ SSCISCISIOASICS5 विधानुशासन PASCHIDI51015015OTES Jiten Jategated Prade Lab Prata Jos Shattee thata अरहवाण णमो अहं अहं अरहताम्म ही णमो Saath Halkaro AMERA haitants rela णमो अहे अई अरहताण हो गयो *ही णमो ही णमो अई अरहताण णमो अह स्वाहा अह अरईताण णमो अह स्वाहा ॐ ह्रीं णमो ऽह णमो अरहंताणं णमो अह स्वाहा कर्णिका को इस मंत्र से येष्टित करके बाहर आठों ज्यों में भी यही मंत्र लिखकर हीं से वेष्टित करके क्रों से निरोध करे पूर्वादि दिन च त सृष्वपि वाग्भव श्री माटा स्मरा स्तदऽपरा च ऽनलादिवाभु को झौं च ब्लें रयर बीजं पूर्यादि दिसु च सृष्वपि वाग्भवं श्री माया स्मरा स्तद परा स्वनलादि कार्स कौं झोंच ब्लें स्टार बीज चतुष्कमह मध्टोष्ट पत्र (कमलस्य) सहितां बुरूहस्य लेख्यं (विभाव यंतु) पृथ्वी वहि जिनपतिः कमला च शुभ्रा शेषाक्षराणित जपा कसमठवीनि ह्रीं सर्व कम्माणि निरोध कदंडकुशः स्यात् श्री श्री करि श्रुत करि च ऐ भवत्य वश्यं आकष्टि कमणि वशीकरणे चे शेषः पिंडा भवंति STSICISEDICTIODICISTRIES २३१PISTRISTRISTOTSTRIERIERIEN
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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