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________________ ORRISORDIDASADISIS सिमासन 95mmmm5RISMIST पाश) शराशन शरव) विराजमाने षोडशार्द्धभुजे (रखेटक कपाण हस्ते) देवी ज्वालामालिनी ऐहि ऐहि उहल्यूँज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लूंद्रां द्रीं ह्रां ह्रीं हूं ह्रौं हः हा: देव ग्रहाना कर्षय आकर्षय नाग ग्रहानाकर्षय यक्ष यक्ष ग्रहानाकर्षय ग्रहानाकर्षय गांधर्व ग्रहानाकर्षय ग्रहानाकर्षय ब्रह्मराक्षस ग्रहानाकर्षय ग्रहनाकर्षय भूत ग्रहानाकर्षय ग्रहानाकर्षट व्यंतर ग्रहानाकर्षय ग्रहानाकर्षय सर्वदुष्ट ग्रहानाकर्षाग्रहानाकर्षय सर्वदुष्ट ग्रहानाकर्षय ग्रहानाकर्षयशतकोटि देवताकर्षय सहस्त्रकोटि पिशाच राजानाकर्षय कट्ट कट्ट कंपय कंप्रय कंधावय कंपावटा शीर्ष चाला चालय नेत्रं चालय चालय बाहुं चालय चालय गात्रं चालय चालय पादौ चालय चालय सर्वागं चालय लोलय लोलय धुनु धुनु कंपय कपंय कंपावट कंपावय शीघ्रमवतर शीघ्रमवता गृहण गृहण ग्राह्य ग्राह्य आवेश्य आवश्य हूं संवोषट ॐ भव्यू ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्यूँ द्रां द्रीं क्षां क्षीं हूं क्षौं क्षः हाः सर्वदुष्ट ग्रहाना स्तंभंय स्तंभय ठठ फट फटये घेॐ म्ल्वयूँ ज्वालामालिनी देवी ह्रीं क्लीं ब्लू द्रां द्रीं दूं ज्वलज्वल र र र र र रा रां प्रज्वल प्रज्वल धग धग यूं घुघूमांध कारिणी ज्वलन शिरवे प्रलय धग द्रगित वदने देवग्रहान दह दह नाग ग्रहान दह दह सर्व दुष्ट ग्रहान दह दह यक्ष ग्रहान दह दह गंधर्व ग्रहान दह दह, ब्रह्म राक्षस ग्रहान दह दह भूत ग्रहान् दह दहशत कोटि देवतां दह दह सहश्र कोटि पिशाच राजान दह दह ये घे स्फोटय स्फोटय मारय मारय दहनाक्षिप्रलय द्भगद्धचित मुरिव ज्वालामालिनी हां ह्रीं हूं ह्रौं हाहाः सर्वदुष्ट ग्रहान हृदयं हूं दह दह पच पच छिंद छिंद भिंद भिंद ह ह ह हाः फट फट ये थे। ॐम्ल्यूँ ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लूद्रां द्रीं भ्रां भी भ्रौं भ्रः हाः सर्वदुष्ट ग्रहान् ताडय ताडय हुं फट घेघे ॐ म्म्ल्यूँ ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लू ट्रां द्रीं मां नी म नौं म्रः हाः सर्वदुष्ट ग्रहान हुं फट येथे सर्वदुष्ट ग्रहाणं वज़मय शूच्यां अक्षिणी स्फोटय स्फोटय न दर्शय न दर्शय हुं फट घेणे ॐ एल्यूँ ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लूं ट्रां द्रीं ह्रां आं क्रों क्षीं टां टों यूं यो यःहाः सर्वदुष्ट ग्रहाण प्रेषय प्रेषय ये ये हूं जःजः जः॥ ॐाल्च्यू ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लू ट्रांट्री हां आं क्रोंक्षी धांधी घूघौं य: हायं घरखं वं रव रावणस द्विाया घातय यातय सच्चन्द्रहास शस्त्रेण छेदय छेदय भेद भेदय यं यं ठंठं हं हं फट फट येये। ॐ इम्यूँ ज्वालामालिनी ह्रीं क्लीं ब्लूद्रां द्रीं हां आंवलों क्षीं झंझी झौं झाःहा सर्वदुष्ट ಇಡಚಣಸಣಣಣ {¢oಳಗನಾಥರಿಗಣWS
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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