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________________ CHORCETRISISTER विद्यानुशासन PARTODDROIDIOS सफेद जपा (गुड़हल) सफेद सरसों सहदेवी देवी (मूर्या) भांगरा और गोरोचन का तिलक करने से तीन लोक वश में होते हैं ऐसा कहा गया है। नारी गोरचना ब्रह्म इंडी भुजग केशरैः सिद्धनेत्रां जनं सद्योजनयेज्जन रंजनं ॥२४१॥ नारी (अश्वला) गोरोचन ब्रह्म डंडी (उंटकरेला) नागकेशर का सिद्ध किया हुआ अंजन वशीकरण करता है। कुष्टैला लसा वळंदु सिंधुनाग हिमा गुरु: अंजनेन समं वश्यमं समं नानाजनं ॥२४२॥ कूठ इलायची अलक्तक (महानर) वक्र (तगर) इंदु (कपूर) सिंधु (सेंधा नमक) नाग केशर हिम (कपूर) अगर का अंजन आँस्त्रों में लगाने से सब वश में होते है । अहे गंज मदो पेतै सिद्धार्थ सहितं मुखं पट पयं रजन्युत्थ मंजनं जन रंजन ॥ २४३॥ दग्धं भुजंगमस्यास्ट चतुशंशाण स्वीधनाग्निना सौवीर अंजनं लोक रंचन स्याद्दगं जनात् ||२४४॥ कोड़ रधिरादया चैक व शटोज्जगत मपीस्था भृगांज नागर्भाया क्रोड वशासेक दीप्ता ॥२४५ ॥ कज्जलं मंबुजंसूत्रा द्वयकोदर सन विनात्सवत्सायाः कपिलायाः प्रज्वलितं पतेन ट्रष्याजनं वश्यं ॥२४६ ।। द्विक हन महीषी तक्रज युत नकपालस्थया मर्षी दातां भ्राताम्र सूत्र वत्या नकपाल धुतां जगद्वश कृत ॥२४७॥ मद तगर केशरा बुज रजो उंग जन धतेंदु हिम युग पत्रैः गोपित क्षीर दुक्षीरै रपि भूरिता मंलके वर्ति ॥२४८॥ साग्र शिलां कपिलाया प्रज्याल्या ज्येत् कज्जलं निर्गलितं तस्या आदेय दशो रभ्यंजना त्रिजग्ती वशी कर्तुं मनाः ॥२४९॥ eeeeeeeÍoxෂ ව ටලලක්
SR No.090535
Book TitleVidyanushasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMatisagar
PublisherDigambar Jain Divyadhwani Prakashan
Publication Year
Total Pages1108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size24 MB
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