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OESORTOISISTEROTEI05 विद्यानुशासन ASTRISTRIERIERSIOIDS गौरी मंत्र
ॐ नमः कृष्ण शवराणं विरि विरि चले चले चुले चुले चित्ते रेतो मुंच मुंच ठठः।।
लाल प्रजाटन मंगो गौशाम देवतः, एष संसिद्ध मा याति तद्दशांश च होमतः
॥१२०॥ यह गौरी देवता का मंत्र एक लाख जप और उसके दशांश होम से सिद्ध होता है।
रक्त करवीर कुसुमै, संजप्त सप्त वारमेतेन, भ्रमितं नार्या त्रिग्रे रेती द्रावयति वशयति च
॥ १२१॥ इस मंत्र से सात बार अभिमंत्रित लाल कनेर के फूल को स्त्री के सामने तीन बार घुमाने से स्त्री द्रवित होती है और वश में होती है।
जाप्यं सहश्र दशकं श्रुभगा योन्या मल लकंधत्वा
विद्यान वाक्षरीयां तयापशव्येन हस्तेन ॥१२२॥ स्त्री की योनि में मललक (लाख) रखकर इस नो अक्षरी मंत्र को बायें हाथ से दस हजार जप करना चाहिये।
ॐ कामिनी रंजट होम मंत्र ॐ कामिनी रंजय स्वाहा
यस्या लिरिव त्वात्म करे पसव्ये संदर्शयेत्सा स्मर बाण विद्धा ध्रुवं द्रवत्यत्र किमस्ति चित्रं
॥ १२३॥ इस मंत्र को अपने बायें हाथ पर लिखकर जिसको दिखलाया जाए यदि वह कामदेव के बाण से बिंध जाए तो इसमें कोई भी आश्चर्य नहीं है।
अष्टोर चक्र लिरिवतो विभक्ति मंत्रो धृती सौ भुवनैक वश्यः,
त्रिलोक्य भित्रिस्थमिदं जपं स्तं सोन्यामना कर्षणमातनेति ॥ १२४ ॥ यदि इस मंत्र को अष्ट दल कमल के अंदर लिखकर बाहर के पत्तों में ॐ लिखे तो यह तीन लोक की दीवार पर से भी दूसरी स्त्री को खींच लाता है।
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