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S5I05015015251975 विधानुशासन 3506520505IDARDIST स्तंभन और नपुंसक कारक यंत्र
वकारे लिरवेन्नाम माहै दाभ्यंतरे स्थितं पीत द्रव्येण सद्भूर्जे स्तंभः षंढी कर स्मृतः
एतयंत्रं द्वितीयं निर्गत्य वहि:सयाति यदि गेहात
वरनातु सात्म कट्रवांमायातेन्यत्र निक्षिपतु ॥१७॥ व और ठ के बीच में नाम को लिखकर माहेन्द्र मंडल के अन्दर पीले द्रव्य से भोजपत्र के ऊपर लिखने से यह स्तंभन और नपुंसक करता है, यदि घर के बाहर निकले तो इस दूसरे यंत्र को कमर में बाँध कर निकले और साध्य के आजाने पर उसे दूसरी जगह पर रख दे।
भाम
संविरव्य नामाष्ट दलाब्ज मध्ये माद्यावृतं षोडश सत्कलाभिः क्लीं ब्लू तया दांमथ योजयेत द्रीं दिकात्धेषु पत्रेषु यथा क्रमेण ॥१८॥ हामां लिखेदं कुश बीजभुच्चैः क्षीं चान्य पत्रेषु वहि स्त्रिमूर्ति
भज्जें हिमाची वियतं स्व वाही सौभाग्य वद्धिं कुरुतेगनानां ।।१९॥ नाम को आठ दलवाले कमल के अन्दर पहले माया (हीं) और फिर सोलह कलाओं (स्वरों) से येष्टित करे। दिशाओं के पत्रों में क्रमश: क्लीं ब्लू दां और द्रीं क्रम से लिखे तथा अन्य पत्रो में क्रम से हां आं अंकुश बीज (क्रों) और कं लिखकर बाहर त्रिमूर्ति (ही) से वेष्टित करे इसको भोजपत्र पर कपूर चंदनादि से लिखकर यदि अपनी भुजा में धारण करे तो यह स्त्रियों के सौभाग्य की वृद्धि करता
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