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CASIOTHOISSISCIETE विद्यानुशासन VISITIOTICISIODESI
||ॐ नमः॥
अथ सवननं वक्ष्ये यंत्र मंत्रौषधै कमात् पुंसां वंधुनां लोकस्य कुंजराणां गवामपि
॥१॥ ॐ चामुंडेश्वरि एहि एहि लिलि आस्वादिनि आकर्षणी पंच पिशाचिनि अमुकं वश्यमानय वश्यमानय ठः ठः॥ अब पुरुष, स्त्रियों, लोक, हाथियों और गायों केभी वशीकरण यंत्र मंत्र और औषधियों का क्रम से वर्णन किया जाएगा।
चामंडा मंत्रेणायत जप सिद्धेन मंत्रितोनेन भूस्टः प्रथमो ग्रासः साध्यं वश्यं समातनुते
॥२॥ उपरोक्त चामुंडा मंत्र को दस हजार जप से सिद्ध करके उससे पहले ग्रास को मंत्रित करके पृथ्वी पर रखने से साध्य यश में हो जाता है।
ॐ चामुंडे अमुकं हन हन पच पच वशमानय ठः ठः
संध्यात्रा त्रयो विंशति दिन मेतेनपूर्व तुल्येन विशति संरव्यं लवणहाँमात् साध्यो वशी भवति
॥३॥ इस मंत्र को प्रातः दोपहर और सांयकाल के समय तेईस दिन तक पहले के समान जप करके बीस संख्या प्रमाण अभिमंत्रित किये हुए नमक के होम से साध्य वश में होजाता है।
ॐ चामुंडि निरिति चंडालि अमुकं दह दह पच पच शीघ्र वशमानय वशमानया ठ: ठः॥
दसगुण दश शत रुप्य प्रजाप्यतःप्राप्नयादयं सिद्धिं
मंत्रो दशांश होमाद्विहि ताच्य विष्णु यक्षिण्याः ॥४॥ यह विष्णु यक्षिणी का मंत्र दस हजार जप और दशांश होम से सिद्ध होता है।
तुष साध्य दंत काष्टां प्रिया सुकार्य सवीज लवणे
स्यात् वश्यः साध्यो होमाद्रिहिता देतेन मंत्रेण मंत्र से तुष साध्यं के दंत काठ प्रिय वस्त्र और कपास बीजों (काकड़ो) सहित होम करने से साध्य वश में होता है।
ब्ले तत्व कूटदु वतं स्वनाम दद्वाह्ये भगेऽष्टदलाब्ज यंत्रं पत्रेषु पद्मा वरमूल मंत्रं वेष्टयं तदाकर्षण पल्लवेन
॥६॥
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