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सौ पद का वास्तु चक्र
ब्रह्मा सोलह पद का ऊपर के कोने में आठ देव डेढ़-डेढ़ पद के; अर्यमादि चार देव आठ-आठ पद के आप आपवत्सादि आठ देव दो-दो पद के मध्य कोने में तथा शेष देव एक-एक पद के हैं।
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सो पद का वास्तु चक्र
उनचास पद का वास्तु चक्र
इसमें चार पद का ब्रह्मा अर्यमादि चार देव तीन-तीन पद के आप आदि आठ देव नौ पद के कोने के आठ देव आधे आधे पद के, बाकी के चौबीस देव बीस पद में स्थापित करना चाहिए। बीस पद में प्रत्येक के 6-6 भाग करने पर 120 भाग हुए। इनमें 24 का भाग देने से 5 भाग प्रत्येक देव के आते हैं।
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