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________________ वास्तु चिन्तामणि गृहारम्भ मुहुर्त मास प्रकरण मकान का निर्माण प्रारम्भ करने के लिए वर्ष के कुछ मास शुभ कुछ अशुभ होते हैं। वास्तुसार में इसके लिए निम्नलिखित विवेचन है सोय धण मिच्चु हाणि अत्थं सुन्नं च कलह उच्चसियं । पूया संपय अग्गी सुहं च चित्ताइमासफलं ।। वइसाहे मग्गसिरे सावणि फग्गुणि मयंतरे पोसे। सियपक्खे सुह दिवसे कए हवइ सुहरिद्धी । । - साथ ही हीरकलश मुनि लिखते हैंकत्तिय माह भद्दचे चित्त आसो य जिट्ठ आसाढे । गिह आरंभ न कीरइ अवरे कल्लाणमंगलं । । करने के लिये मास विश्लेषण इस प्रकार है गृहारम्भ माह माह चैत्र आश्विन (क्वांर ) कार्तिक फल शोक धनप्राप्ति 213 मृत्यु हानि अर्थप्राप्ति वास्तुसार प्रागा. 23, 24 फल कलह वैशाख उजाड़ ज्येष्ठ मगसिर (अगहन) पूजा सम्मान आषाढ़ पौष (पूस ) सम्पदा प्राप्ति श्रावण माघ अग्निभय भाद्रपद्र गृहशून्यता फाल्गुन सुखदायक हीरकलश मुनि शुभ मास के शुक्लपक्ष तथा शुभतिथि में गृहारम्भ करने पर सुखऋद्धि दायक मानते हैं। पीयूषधारा टीका में जगमोहन का कथन है कि निंदनीय मास में पत्थर, ईंट के मकान नहीं बनाना चाहिए। घास, लकड़ी का मकान बनाने में मास दोष नहीं लगता है।
SR No.090532
Book TitleVastu Chintamani
Original Sutra AuthorDevnandi Maharaj
AuthorNarendrakumar Badjatya
PublisherPragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
Publication Year
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Art
File Size5 MB
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