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वास्तु चिन्तामणि
गुणनफल में 8 का भाग देने पर, 18841 * 8 = 2355 लब्ध आया तथा शेष । रहा! यह शीतलचंद्र के मकान की आय है।
अर्थात् प्रथम आय ध्वज आय है। यह आय भक्ष्य नहीं हैं अत: शुभ, श्रेष्ठ फलदायक हैं।
इसी प्रकार मंदिर, शमा, पाटा, चौको, आसन आदि पदाथों की आय निकालकर उसका शुभाशुभ फल देखा जा सकता है।