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वास्तु चिन्तामणि
विभिन्न लकड़ी काम में लेने का निषेध
Prohibition of Using Certain Woods
आचार्यों ने कुछ प्रकार की लकड़ी वास्तु में न लगाने का उल्लेख किया
है।
हल घाजय सगडमई अरहट्ट जंताणि कंटई तह य । पंचबुरि रवीरतरु एयाण य कट्ठ वज्जिज्जा ।। बिज्जउरि केलि दाडिम जंभीरी दोहलिछ अंबलिया । बब्बूल बोरभाई कणयमया तह वि नो कुज्जा ।। एयाणं जड़ वि जडा पाडिवसा उपविस्सइ अहवा । छाया वा जम्मि गिहे कुलनासो हवइ तत्थेव । । सुसुक्क भग्ग दड्ढा मसाण खम विलय पर हि। निम्ब बहेsय रुक्खा न हु कट्टिज्जति गिहहेऊ ।। वास्तुसार प्र. 1गा. 146 से 149
निम्नलिखित प्रकार की लकड़ी को निर्माण कार्य में प्रयोग करना अनुपयुक्त
1.
हल
2. गाड़ी
3. कांटे वाले वृक्ष
4.
अनार
5. आक
6. बबूल
7. बहेड़ा
8. पीले फूलवाले वृक्ष
9. टूटा हुआ वृक्ष
10. श्मशान के समीप का वृक्ष 17. अतिलम्बा जैसे खजूर आदि
12. उदुंबर (बड़, पीपल,
गूलर,
पलाश, कंठुम्बर)
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13.
धानी कोल्हू
14.
रेहट
15. केला
16. नीबू
17. इमली
18. नीम
19. वीजपूर (बीजोर)
20. अपने आप सूखा हुआ वृक्ष
21.
22.
23.
जला हुआ वृक्ष
पक्षियों के घोंसले वाला वृक्ष
जिनके काटने से दूध निकले