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वास्तु चिन्तामणि
| कल पंजळ
गज (हाथ) भूज की डोरी सूत की डोरी अवलम्ब (भौंरा सरीरवी गोल भारी आकृति जो धागे में लटकाकर ऊंचाई की सीध देखते हैं) गुनिया (काठकोना) साधनी (लेवल) ऊंचाई व समतल नापने का उपकरण
विलेख्य (प्रकार- परकार) गज का स्वरूप समरांगण सूत्रधार में इस प्रकार किया गया है
पव्वंगुलि चउवीसहिं छत्तीसिं करंगुलेहि कंबिआ। अट्ठहिं जवमज्झेहिं पव्वंगुलु इक्कु जाणेह।।
5- वास्तुसार प्र. । गा. 49 चौबीस पर्व अंगुलियों या छत्तीस कर अंगुलियों का एक कम्बिआ होता है। आठ यवोदर का एक पर्व अंगुल होता है। (कम्बिआ का मान 24 इंच = | गज के मान से लेवें।) आठ यवोदर का एक अंगुल ऐसे चौबीस अंगुल का एक गज - ज्येष्ठ गज सात यवोदर का एक अंगुल ऐसे चौबीस अंगल का एक गज - मध्यम गज छह यवोदर का एक अंगुल ऐसे चौबीस अंगुल का एक गज - कनिष्ठ गज
वर्तमान में छत्तीस इंच का एक गज माना जाता है तथा इसे ही मानकर सामान्यत: नाप किया जाता है। आधुनिक युग में सारे विश्व में दो ही प्रणालियां प्रामाणिक हैं1. ब्रिटिश प्रणाली- इसमें मूल पैमाना फुट है जो 12 इंच में बांटा जाता
है। इसके अनुरूप 3 फुट = ] गज. 220 गज = 1 फर्लाग
8 फर्लाग = 1 मील नाप लिया जाता है। 2. मेट्रिक प्रणाली-इसका मूल नाप मीटर है जो 100 सेन्टीमीटर में बांटा
जाता है। 10 मि.मी. = 1 से भी. 100 से.मी. = 1 मीटर 1000 मीटर = 1 किलोमीटर