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________________ पांचवां भाग चौथा कोण्डक २७३ ४. एक हबशी स्त्री के होठ १४ इंच लम्बे हैं । उन पर छोटी रकाबी रखी जा सकती है । ५. बेंगलोर-कांग्रेस-प्रदर्शनी १६६७ में एक २२ वर्षीया तरुणी देखने में आई। उसके शरीर में निरन्तर बिजली प्रवाहित होनी थी। उसके शरीर के किसी भी भाग में बिजली के बल्ब लगाने से बल्व प्रकाशित हो उठते थे । ५ से १० हॉर्स पॉवर की मोटर का तार पकड़ते ही वह स्टार्ट हो जाती थी। उसे भोजन आदि काष्ठ के बर्तनों में दिया जाता था | जब कोई व्यक्ति उस युवती को स्पर्श करता तो एक जोर का झटका ( शॉक) लगता था । - देवसिंह ६. ओहियो अमेरिका में रबर की वस्तुएँ बनानेवाले एक कारखाने में रोज कहीं न कहीं छोटी-मोटी आग बड़े रहस्यमय ढंग से लग जाती थी। मालिक ने प्रो. "रोबिन बीच" को जाँच-पड़ताल के लिए बुलवा भेजा । सारी बात सुनकर प्रो. साहब ने एक-एक कर सभी मजदूरों को धातु की एक चादर पर खड़े होने के लिए कहा। मजदूरों में एक जवान औरत जब धातु की चादर पर आकर खड़ी हुई तो अचानक मीटर की सुई ने एक गहरी छलांग लगाई । उसके शरीर में ३०,००० वोल्ट की इलेक्ट्रोस्टेटिक बिजली और ५००,००० ओ एच. एम. एस. की प्रतिरोध शक्ति (रेसिस्टेंट) मौजूद थी । १५
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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