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________________ १७७ पाँचवा भाग : तीसरा कोष्टक एवं मित्र बन्धु मानते हैं । धर्मपुस्तकों को श्रद्धालुभक्त शास्त्र रद्दीवाला रद्दी कागज और गाय-भैंस - बकरी आदि अपना साथ मानती हैं । ६. द्वारका में युधिष्ठर को बुरा आदमी नहीं मिला और दुर्योन को भला आदमी नहीं मिला । ७. सन् १८५७ की हलचल को अंग्रेजों ने गदर ( रिवोलेशन) कहा और आज के लोग क्रान्ति कहते हैं । 5. १६ दिसम्बर १६७१ के दिन को बांगलावासी स्वतन्त्रता का स्वर्णिम प्रभात मानते हैं, भारत तथा कई अन्य देश की संज्ञा देते हैं । और पश्चिमी पाकिस्तान इस दिन को इतिहास का सबसे बड़ा मनहूस दिन कहता है । इसे 1 ६. दूसरे लोग हरिजन और विधवा को अपवित्र कहते थे, जबकि गांधीजी उन्हें पवित्र मानते थे । १०. एक कहता है गुलाब खुशबूदार है, दूसरा कहता है, गुलाब कांटोवाला है । ११. चर्मचीड़ी ( चमगादर ) के लिए अंधेरी रात ही दिन है, जबकि कौवे के लिए वह डरावना अंधेरा है | १२. दौड़ते घोड़े का चित्र उल्टा देखो तो घोड़ा लौटता दीखेगा । १३. गांधी टोपीवालों को शराब पीते देखकर एक ने कहावोला हाय हाय ! कांग्रेसी भी शरात्री हो गए 1 दूसरा नहीं नहीं | शराबी कांग्रेसी-टोपी पहनने लग गए. ऐसा कहो ! -
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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