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________________ १४ विविध-कलाए (क) लेखनकला१. ऋषभ प्रभु ने ब्राह्मी के बाए हाथ पर अपने दाहिने हाथ से अ-आ-इ-ई आदि वर्णमाला के ४४ अक्षर लिखे एवं लेखनकला का प्रारंभ किया। ब्राह्मी के हाथ पर लिखने से ब्राह्मी लिपि कहलाई । सुन्दरी के दाहिने हाथ पर अपने बायें हाथ से १, २, ३, आदि अंक लिखे अतः अंकों की वामगति हुई, कहा भी है—अङ्गानां वामतो गतिः । २. बम्बई-निवासी अनन्त भट्ट ने एक पोस्टकार्ड में जवाहर जीवनचरित्र लिखा । उसमें लगभग २ लाख अक्षर हैं।' जेम्स जाहारी ने १६२६ में दो सेंट (अमेरीका का एक सिक्का) की टिकिट पर २० हजार अक्षर लिखे । १६३५ में एक चावल पर ६००८ अक्षर लिखे । फिर वालों पर उससे भी बारीक अक्षर लिखे । वे चावलों वाले अक्षरों से १/३ सूक्ष्म थे । १ १४ ननम्बर १६४४ (नेहरु जन्म-दिवस) पर प्रधानमंत्री श्रीजवाहरलालजी को यह काई भेंट किया गया ।
SR No.090530
Book TitleVaktritva Kala ke Bij
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanmuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages837
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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