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अनवस्थित माणस पर एक शनीबीन उदाहरण ३४ पामर पर एक कुटुबीनी कपा मत्सना सकण .....
.... ३५ मात्र सांजळेसुं ग्रहण करवा उपर तापसनी कथा | दश प्रकारना मनष्यो धर्म पाळता नथी, से सपर दुर्वासा भने नगष्टनो संबंध .... .... १५
पंचम तथा षष्ट तरंगहै। धर्मोपदेशनी हिची फल नपा करवामां जीवना बोया काळी जमीनना एष्टांतनु विवेचन | छलांत ..... ..... .... .... ४१ ते उपर प्रानंद कामदेव विगेरे दश भाक्कोनो वृत्तांत ४७ पेहमा गिरिशिखरना शंन नपर बढ़कनी कथा .... ४३ पांचमा समद्रनीलीपना हष्टांतनुं स्वरुप.... बीजा पर्वताना करताना दृष्टांत उपर विवेचन १२ गमणिनी स्वायना एष्टांतनु स्वरूप .... जीजा यथासना ष्टोतनुं विवेचन ..... .... ४४ ते नपर इंद्रनागनी कथा .... .. .... ने उपर श्याम शेवनी कथा .... .... ४५
सप्तम तरंग* पांच मकारना यमाना दृष्टांते दशावमा पनि प्रका- दन नामना ब्राप्माण मंत्रीनी कथा .... .... 0 रना जीवोर्नु स्वरूप .... .... .... ५. बाम्य भने भवाम्य जीवोनुं स्वरुप .... ....
अष्टम तरंगबाजी गत योग्य अयोग्यनो विचार भने ने नए धर्मने नष्ट करवा उपर कपिानी कथा ....
सरोबर अने कागमार्नु अष्टान ....... ५७ नभ श्वान, हाथी अने हंसना दृष्टांतो
भी उपदेशरत्नाकर