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________________ 36] अपने मित्र अयोध्या के राजा अनरण्य को भी भेज दी। अनरण्य को तब स्मरण हो आया कि हमने यह प्रतिज्ञा की थी कि हम साथ दीक्षा लेंगे । अतः बह भी अपने पुत्र दशरथ को सिंहासन पर बैठाकर दीक्षित हो गया। (श्लोक ३५७-३६०) रावण ने शतबाहु और सहस्रांशु मुनि को वन्दन कर सहस्रांशु के पुत्र को माहिष्मती के सिंहासन पर बैठा दिया और स्वयं दिग्विजय के लिए आकाशपथ से रवाना हो गया। उसी समय लगुड़ प्रहार से जर्जरित नारद 'यह अन्याय है, यह अन्याय है' कहते हुए उसके निकट आकर बोले- (श्लोक ३६१-३६२) _ 'राजन्, राजपुर नगर में मरुत् नामक एक राजा है। वह दृष्ट ब्राह्मणों के सम्पर्क में आकर मिथ्यादष्टि बना यज्ञ करता रहा है। उस यज्ञ में होम करने के लिए ब्राह्मणगण व्याध की तरह निरीह पशुओं को बांधकर ला रहे हैं। उनकी करुणा भरी चीत्कार से दयार्द्र होकर मैं आकाश से नीचे उतरा और ब्राह्मणों से घिरे मरुत् राजा के पास गया एवं उनसे कहा-'यह आप क्या कर रहे हैं ?' राजा ने उत्तर दिया- 'मैं ब्राह्मणों के आदेशानुसार यज्ञ कर रहा हूं। देवों की तृप्ति के लिए अन्तर्वेदी पर पशु होम करना स्वर्ग और धर्म का कारण है। इसलिए आज मैं इन पशुओं को होम कर यज्ञ पूर्ण करूंगा।' तब मैं उनसे बोला, यह शरीर ही वेदी है, आत्मा यजमान है, तप अग्नि है, ज्ञान घृत है, कर्म समिध, क्रोधादि कषाय पशु, सत्य यज्ञ स्तम्भ, समस्त प्राणियों की रक्षा दक्षिणा है एवं ज्ञान दर्शन चारित्र ये तीन रत्न तीन देव हैं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर)-यही वेद कथित यज्ञ यदि योग विशेष से किया जाए तो वह मुक्ति का साधन है। जो राक्षस की तरह बकरा आदि जीवों की हिंसा करते हैं वे मृत्यु के पश्चात् घोर नरक में जाते हैं और चिरकाल तक दुःख भोगते हैं। हे राजन्, आपने उत्तम कुल में जन्म ग्रहण किया है। बुद्धिमान और ऋद्धिशाली हैं। इसलिए तुरन्त इस पाप कर्म से विरत होइए। प्राणी वध से ही यदि स्वर्ग मिल सकता तब तो अल्प दिनों में ही संसार शून्य हो जाएगा।' (श्लोक ३६३-३७३) 'मेरी बात सुनकर समस्त ब्राह्मण क्रोधाग्नि से उद्दीप्त हो उठे और काष्ठ उठाकर मुझे मारने लगे। मैं भी वहाँ से भागकर
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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