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________________ 188] हो गए, राम और लक्ष्मण भी चिन्ता से म्लान मुख बने हिमाच्छादित सूर्य और चन्द्र की तरह वहां पहुंचे। (श्लोक १६०-१६७) उसी समय राम ने सम्पूर्ण निकाय के देव महालोचन को स्मरण किया जिन्होंने राम को पहले वरदान दिया था। वह देव अवधि ज्ञान से समस्त वृत्तान्त को जानकर वहां आया और राम को सिंहनिनादा नामक विद्या, मुसल, रथ और हल दिया साथ ही लक्ष्मण को गारुड़ी विद्या, रथ और युद्ध में शत्रु को विनाश करने वाली विदयुद्वदना नामक गदा दी। इसके अतिरिक्त उसने आग्नेय, वायव्य आदि दिव्य अस्त्र और छत्र भी दिए। देव के चले जाने के पश्चात् लक्ष्मण सुग्रीव और भामण्डल के पास गए। उनके वाहन गरुड़ को देखते ही सुग्रीव और भामण्डल से लिपटे नागपाश के नागगण उसी समय भाग छटे। दोनों वीर मुक्त हो गए। राम की सेना में चारों ओर जय-जयकार होने लगा। राक्षस सेना में सूर्यास्त के साथ-साथ हताशा का अन्धकार छा गया। (श्लोक १६८-१७३) __ तीसरे दिन सुबह राम और वानर-सेना पूर्ण बलपूर्वक युद्ध क्षेत्र में अवतरित हुई। भयङ्कर युद्ध प्रारम्भ हुआ। निक्षिप्त अस्त्र ऐसे लग रहे थे मानो कृतान्त दाँत चबाते हुए जा रहा है। उस प्राण-संहार की लीला को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे असमय में ही प्रलयकाल के संवर्त मेघ ने वृष्टि आरम्भ कर दी है। मध्याह्नकाल के ताप से तप्त वराह जिस प्रकार सरसी-जलाशय के जल को मथ डालता है उसी प्रकार राक्षस सेना ने वानर-सेना को मथ डाला। (श्लोक १७४-१७६) ___ अपनी सेना को भग्नप्राय देखकर सुग्रीवादि वानर वीरों ने योगी जिस प्रकार परकाया में प्रवेश करते हैं उसी प्रकार राक्षस सेना में प्रवेश किया। उससे आक्रान्त होकर गरुड़ के दर्शन से सर्प, जल में कच्चा घड़ा पराभूत हो जाता है ( गल जाता है ) उसी प्रकार राक्षस सेना भी पराभूत हो गई। (श्लोक १७७-१७८) राक्षस सेना को पराभूत होते देखकर क्रुद्ध रावण स्वयं युद्ध के लिए अग्रसर हुआ। उसके सुदीर्घकाय रथ के पहिए इस प्रकार घूमने लगे मानो वे पृथ्वी का वक्ष फाड़ देना चाहते हों। दावानल जैसे विध्वंसकारी रावण के सामने कोई भी वानर वीर खड़ा नहीं
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
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