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प्राकृत भारती पुष्प - 84
कलिकाल - सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य रचित
त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित
[हिन्दी अनुवाद ]
पर्व : ५-६, भाग : ४
[भ० शान्तिनाथ से मुनिसुव्रत तक ५ तीर्थङ्कर, ५ चक्रवर्ती, २ वासुदेव, २ बलदेव, २ प्रतिवासुदेव - १६ महापुरुषों का चरित]
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प्रधान सम्पादक : म. विनयसागर
अनुवादक
श्री गणेश ललानी एवं
श्रीमती राजकुमारी बेगानी
प्रकाशक
प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर