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प्रथ
विषयानुक्रम
तृतीय पर्व प्रथम सर्ग - भ. सम्भवनाथ का चरित द्वितीय सर्ग भ. अभिनन्दन का चरित २६-३६ तृतीय सर्ग - भ. सुमतिनाथ का चरित
३६-५२ चतुर्थ सर्ग भ. पद्मप्रभ का चरित
५३-६६ पंचम सर्ग भ. सुपार्श्वनाथ का चरित ६७-७४ षष्ठ सर्ग भ. चन्द्रप्रभ का चरित
७४-८२ सप्तम सर्ग - भ. सुविधिनाथ का चरित ८२-९२ अष्टम सर्ग __ - भ. शीतलनाथ का चरित ९२-१००
चतुर्थ पर्व भ. श्रेयांसनाथ एवं प्रथम-त्रिपृष्ठ वासुदेव, अचल बलदेव तथा अश्वग्रीव
प्रतिवासुदेव का चरित १००-१५६ द्वितीय सर्ग - भ. वासुपूज्य और द्वितीय-द्विपृष्ठ
वासुदेव, विजय बलदेव एवं तारक
प्रतिवासुदेव का चरित १५६-१७८ तृतीय सर्ग - भ. विमलनाथ एवं तृतीय - स्वयम्भू
वासुदेव, भद्र बलदेव और मेरक
प्रतिवासुदेव का चरित १७८-१९३ चतुर्थ सर्ग - भ. अनन्तनाथ और चतुर्थ-पुरुषोत्तम
वासुदेव, सुप्रभ बलदेव एवं मधु
प्रतिवासुदेव का चरित १९३-२१४ पंचम सर्ग - भ. धर्मनाथ एवं पंचम-पुरुषसिंह
वासुदेव, सुदर्शन बलदेव तथा निशुम्भ
प्रतिवासुदेव का चरित २१४-२३८ षष्ठ सर्ग - तृतीय चक्रवर्ती मघवा का चरित २३८ -२४२ सप्तम सर्ग - चतुर्थ चक्रवर्ती सनत्कुमार का चरित २४२-२६८