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________________ 134] और अन्तःपुर सहित पूर्व दिशा के सोपानों से उस पीठ पर पारोहरण कर उस पूर्वाभिमुखी सिंहासन को अलंकृत किया । बत्तीस हजार राजा भी जिस प्रकार कमल-खण्ड पर प्रारोहण करता है उसी प्रकार उत्तर दिशा के सोपानों से ऊपर उठकर सामानिक देवता जिस प्रकार इन्द्र के सम्मुख बैठते हैं उसी प्रकार करबद्ध होकर दृष्टि प्रानमित कर राजा सगर के सामने अपने-अपने स्थानों पर जा बैठे। सेनापति, गृहपति, पुरोहित और वर्द्धकीरत्न, इसी प्रकार श्रेष्ठी, सार्थवाह और अन्य अनेक मनुष्य जिस प्रकार आकाश में नक्षत्र रहते हैं उसी प्रकार दक्षिण दिशा के सोपानों से ऊपर चढ़ स्नान-पीठ पर स्व-स्व प्रासन पर जा बैठे। तदुपरान्त शुभ दिन, वार, नक्षत्र, करण, योग, चन्द्र और समस्त ग्रहों के बलसम्पन्न लग्न में देवगणों ने स्वर्ण के, रौप्य के, रत्नों के, जिनके मुख पर कमल रखे हुए हैं ऐसे कलशों से सगर राजा के चक्रवर्ती पद का अभिषेक किया। चित्रकार जिस प्रकार अङ्कित करने वाली दीवार को स्वच्छ करता है उसी प्रकार इन्द्र ने देवदूष्य वस्त्र से धीरे-धीरे राजा के शरीर को पोंछा। तत्पश्चात् आकाश में चन्द्रिका की तरह मलयाचल के सुगन्धित चन्दनादि से राजा के अङ्गों पर विलेपन किया। अपने दृढ़ अनुराग की भांति दिव्य और अति सुगन्धयुक्त फूलों की माला राजा को पहनाई और अपने लाए हुए देवदूष्य वस्त्र और रत्नालङ्कारों से चक्री को भूषित किया। तब महाराज ने मेघ-ध्वनि जैसी वाणी में नगराध्यक्ष को आदेश दिया कि नगर में ढिंढोरा पिटवा कर यह घोषित करवायो कि बारह वर्ष पर्यन्त कोई कर नहीं लिया जाएगा एवं सैन्य नगर में प्रवेश नहीं करेगी। किसी को सजा नहीं दी जाएगी और सर्वदा उत्सव होंगे। (श्लोक ३५२-३६८) नगर अध्यक्ष ने स्व-व्यक्तियों को हस्ती-पृष्ठ पर बैठाकर समस्त नगर में राजाज्ञा घोषित करवाई। इस प्रकार स्वर्ग के विलास-वैभव को अपहरण करने के व्रतवाली विनीता नगरी में छह खण्ड पृथ्वी के अधिपति महाराज सगर चक्रवर्ती पदाभिषेक सूचितकारी उत्सव को बारह वर्ष तक प्रत्येक विपरिण में, प्रत्येक गृह में, प्रत्येक पथ पर करवाया। (श्लोक ३६९-३७०) चतुर्थ सर्ग समाप्त
SR No.090514
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size16 MB
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