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________________ घातायुष्क ४४४.४६.१४६५ ] हमको विन १६०,१६१ घनोदधिवातवजय १३७-१५२ । तमप्रभा १५४,१५५,१५० तापन बिल १६०१६१ चन्दना १५६.१७ तारा बिल १६०,१६१ चन्द्र। २११,२१२ तिमिसका बिल १५०,१६१ चय ११०-११२ सियंगायत अधोलोक ११३-११५ चर्चा १६०,१६१ तेजस्काय स्थिति ७४.८० तेजस्कायिक जोब ७४-८० चामुण्डराय ३,४,६ चित्रा १५६,१७७ पूलिका ६१३-६९७ दक्षिणायन ३३० दिग्गज पर्वत १४४ जगत् प्रतर ७१,८६,१०० दिगिन्द्र २०८,२०१ अपतषणी ११,१२,६१,६५ विरूप धन धारा४६,६६ जघन्य अतजान ६४.६५ ७-७४ अभ्य क्षायिक सभ्यग्दर्शन द्विरूप घनाघन पारा ४६,६६, पडू भाग १५६,१५७ पटल १५६,१५. पथ व्यास ३५१, परिषि १८,१५,८.८६.१३५,१३६ परिवार नदियां ५-६-५८८ परिषद २०८,२.५ परीतानन्त १४,५३,५४,६२,६३ परीतासंख्यात १४,३३४०,४१. द्विरूप वर्ग घास,५६.६.,६६ दृष्य अधोलोक ११६,१२२.१२३, जतु २११२१२ बम्बू वृक्ष ५४,१३८ ज्योतिरसा १५६.१५७ बिहा बिल १६०,१६१ जिहिक बिल १६०,१६१ जीव ६२.६३,५१ देयराशि ४०,४१,४२,४३.४६, ४७,६६,७५-. पर्याय श्रुत शान ६४,६५ पल्य ६१.६२,५१,८६,,१००, १०२,१०६ पृथ्वी (0) १५३-१५५ प्रकीरणक १०,२०८, प्रज्वलित बिल १६०,१६१ प्रतरावली ६०,६१,७० प्रतरांगुल १२,६१,६२,८६,१०३ प्रतिमान १२,१३ प्रतिशलाका कुण्य १५,१७,२८॥ प्रतीन्द्र २०८,२०१ प्रत्येक कध्वंशोक १२४-१२०, १२८-१३४ प्रबाला १५६,१५७ प्रमाण १४ प्रमाणांगुल २५ पाण्डक शिला ५३०-५३६ पावभुमा ३४५,६१३-१७ पिनष्टि ऊर्वलोक १३०१३४ पुदगल ३२,३ . जो २३ घ १५ घूम प्रभा १५४,१५५,१५७ सषका विस १६०,१६१ ततक बिल १६.१६१ तत्प्रतिमान १२,१३ हनुरक्षक २८,२०॥ सनुवाचवलय १३७-१२३ तपन बिल १६०,१६१ तह बिल १६०,१६१ तपित बिल १६०,१६१ तबका दिल १६.१५ नरक १४४-२०. निगोर ८२,८३ निगोद काय स्थिति १-८५ नियोदपरीय८१-८२ निदाघ १६०,१६१ निरय बिल १६०,१६१ नीचोपाद देव ४५-२४७ मोकति १० बकुला १५६,१५७ बृहद पाश परिकम ८६ बालुका प्रभा १५४.१४४,१५७ बिल १५८ पल प्रभा १५४,१५,१५०
SR No.090512
Book TitleTriloksar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages829
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size19 MB
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