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________________ शिमोगा जिलेके नगरताल्लुकेके शिलालेख नं० ६४ के एक पद्यमें माणिक्यनन्दिको जिनराज लिखा है "माणिक्यनन्दजिनराजवाणीप्राणाधिनाथः परवादिमी। चित्रं प्रमाचन्द्र इह क्ष्मायां मार्तण्डवृक्षौ नितरां व्यदीपि ॥" न्यायदीपिकामें इनका 'भगवान' के रूपमें उल्लेख किया गया है । प्रमेय कमलमार्तण्डमें प्रमाचन्द्रने इनका गुरुके रूपमें स्मरण करते हुए इनके पदपंकजके प्रसादसे ही प्रमेयकमलमार्तण्डकी रचना करनेका उल्लेख किया है। इससे माणिक्यनन्दीके असाधारण बंदुष्यका परिज्ञान होता है । माणिक्यनन्दीने अकलङ्गके ग्रन्थोंके साथ दिङनागके न्यायप्रवेश और धर्मकीर्तिके न्यायबिन्दुका भी अध्ययन किया था । वस्तुत: माणिक्यनान्द अत्यन्त प्रतिभाशाली और विभिन्न दर्शनोंके ज्ञाता हैं । 'सुदंसणचरिउ' के कर्ता नयनन्दि (वि० सं० ११००) के उल्लेखानुसार माणिक्यनन्दीके गुरुका नाम रामनन्दी है और स्वयं नयनन्दी उनके शिष्य हैं । 'सुदंसणचरिउ' को प्रशस्तिमें लिखा है जिणिदागमब्भासणे एचित्तो तवायारणिट्ठाइलद्धाइजुत्तो। परिंदारिदेहि यंदणंदी हुओ तस्स सीसो गणी रामगंदी ।। असेसाण गंथाण पारंमि पत्तो तवे अंगवी भव्वराईबमित्तो। गुणावासभूवो सुतिल्लोक्कणंदी महापंडिओ तस्स माणिक्कणंदी । पढमसीसु तहो जायउ जगविक्खायउ मुणि णयदि अणिदिउ । चरिउ सुदसणणाहहो तेण अबाहहो विरइउ बुह अहिणंदिउ ।। अर्थात् आचार्य कुन्दकुन्दके अन्वयमें जिनेन्द्र-आगमके विशिष्ट अभ्यासी, तपस्वी, गणी रामनन्दी हुए। उनके शिष्य महापण्डित माणिक्यनन्दी हुए, जो कि सर्वग्रन्थोंके पारगामी, अंगोंके ज्ञाता एवं सद्गुणोंके निवासभूत थे। नयनन्दी उनके शिष्य थे। समय प्रमेयरत्नमालाकारके पूर्वोक्त उल्लेखानुसार माणिक्यनन्दी अकलंकके उत्तरवर्ती हैं और अकलंकका समय ई० सन् ७२०-७८० ई० माना गया है । अतएव माणिक्यनन्दीके समयको पूर्वावधि ई० सन् ८०० निर्बाध मानी जा सकती है। प्रज्ञाकारगुप्त भाविकारणवाद और अतीतकारणवाद स्वीकार करते हैं। माणिक्यनन्दीने अपने परीक्षामुखसूत्र में इन दोनों कारणवादोंका खण्डन किया है । यथा१. तथा चाह भगवान् माणिक्यनन्दिभट्टारकः-प्यायदीपिका, अभिनव धर्मभूषण। ४२ : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्यपरम्परा
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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