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________________ पद उद्धृत किये हैं । वसुनन्दिका समय विक्रमको १२वीं शताब्दी है । अतएव भास्करनन्दिका समय इसके पश्चात् होना चाहिये। हमारा अनुमान है कि इन भास्करनन्दिका समय १४वीं शताब्दीका अन्तिम पाद सम्भव हैं । भास्करनन्दिने अपनी वृत्ति पूज्यपाद की सर्वार्थसिद्धि के अनुकरणपर लिखी है। इसमें विभिन्न आचार्यकिं पद्य भी उद्धृत किये हैं और टीकाकी शैली १३वों, १४वीं शताब्दीकी होने से इनके समय के सम्बन्ध में उक्त अनुमान यथार्थ प्रतीत होता है । यो पं० मिलापचन्द्र कटारियाने तृतीय प्रशस्तिपद्य में आये हुए 'शुभगति' पाठके स्थानपर 'शुभमत' पाठ मानकर भास्करनन्दिके प्रगुरु शुभचन्द्र मुनिको माना है । इन शुभचन्द्रका समय वि० सं० १४५०-१५०७ है । इनके पट्टपर जिनचन्द्र आसीन हुए और उनका समय वि० सं० १५०७ - १५७१ है । इन जिनचन्द्रने मुड़ासा में जीवराज पापड़ीवालकी वि० सं० १५४८ में प्रतिष्ठा करायी थी | श्रावकाचारके कर्त्ता मेधावी भी इनके शिष्य थे। अतः इस आधारपर भास्करनंदिका समय वि० सं० १६वीं शती है । रचना भास्करनन्दिकी एक रचना उपलब्ध है- 'तस्वार्थ सूत्रवृत्ति - सुखसुबोधटीका । इसका प्रकाशन मैसूर विश्वविद्यालयने किया है। टीकाकारने पूज्यपादके साथ अकलंक और विद्यानन्दके ग्रंथोंसे भी प्रभाव अर्जित किया है। प्रथम सूत्रकी वृत्ति लिखते हुए भास्करनन्दिने अन्य वादियोंके द्वारा माने गये मोक्षके उपायोंका समालोचन करते हुए सोमदेबरचित 'यशस्तिलकचम्पू' के छठे माश्वाससे बहुत कुछ अंश ग्रहण किया है । तीसरे अध्यायके १०वें सूत्रकी वृत्तिमें अकलंकदेव तत्त्वार्थवातिकसे विदेहक्षेत्रसम्बन्धी वर्णनको ग्रहण किया है । इस वृत्तिकी प्रमुख विशेषताएं निम्न प्रकार है- १. विषयपष्टीकरणके साथ नवीन सिद्धान्तों की स्थापना । २. पूर्वाचार्यों द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्तों को आत्मसात् कर उनका अपने रूपमें प्रस्तुतीकरण । ३. ग्रंथान्तरोंके उद्धरणोंका प्रस्तुतीकरण । ४. मूल मान्यताओं का विस्तार ५. पूज्यपादकी शैलीका अनुसरण करनेपर भी मौलिकताका समावेश | इनकी एक अन्य रचना ध्यानस्तव भी है, जो रामसेन के तत्त्वानुशासनके आधारपर रचित है । प्रबुद्धाचार्य एवं परम्परापोषकाचार्य: ३०९
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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