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________________ गाथा ३२२ ] जघन्य - उत्कृष्ट अवगाहनाका क्रम जघन्य अवगाहना बाले बादर निवृत्य पर्याप्त जीव स्थान- ७ ६७ निगोद प्रतिष्ठित जघन्य भव० वाले बादर निवृतिपर्याप्तक जीव स्थान- ७ ७२ वनस्पति प्रत्येक शरीर ४२ | वायुकायिक ४४ वायुकायिक द्वीन्द्रिय ४७ तेजस्कायिक ४९ तेजस्कायिक १४ तेइन्द्रिय ५२ जलकायिक ५४ | जलकायिक १५ द्रिय ५७ पृथिवीकायिक ५२ | पृथिवीकायिक १६ पंचेन्द्रिय ६२ निगोद ६४ निगोद ६९ निगोद पंचमो महाहियागे प्रतिष्ठित I ७४ वनस्पति प्रत्येक शरीर जघन्य अव० वाले स लब्ध्यपर्याप्त जीव स्थान-४ १३ जघन्य अव० वाले निवृत्ति अपर्याप्तक जीव स्थान- ४ ७९ ८० तेइन्द्रिय ८३ चतुरिन्द्रिय | ८४ द्वीन्द्रिय ८२ पंचेन्द्रिय जघन्य श्रव वाले सनिवृत्ति पर्याप्तक जीव स्थान- ४ | २११ ८६ द्वीन्द्रिय तेइन्द्रिय ८५ चतुरिन्द्रिय पंचेन्द्रिय
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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