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________________ तिलोयषपाती [ तालिका : ४१ ४६. ] तासिका :४१ भावी शलाका कुलकर लोर्थकर | पूर्वले तीसरे भत्रके नाम मा० १५६१-६२ नाम गा० १६००-१६.२ | क्र. नाम गा० १६.५-१६.७ कनक महापत्र यरिएक सुपाव कनकप्रम सुरदेव कनकध्वज कमक पुष (पुगव) | नलिन नलिनप्रम नलिनराज नलिनध्वज नलिनपुंछ ( पुगव) |. पचप्रभ पूपराज पंपध्वज एपपुस ( पुगव) प्रोष्टिल कृतसूर्य ( कटयू) क्षत्रिय पाविस (अंडी) शक्ष नन्द REEEEE: स्वयंप्रम सर्वप्रम (सर्वारमभूत) देवसुत कुलसुत उदफ (उदय) प्रोष्ठिल जयकोति मुनिसुक्त भर प्रपाप निकषाय विपुल निर्मल चित्रगुप्त समाषिगुत्र स्वयम्भू अनिवृत्ति (अनिवर्तक) | जय विमल देवपाल अनन्तवोयं सुनन्द मक्षाङ्क सेवक प्रेमक अतोरह रवत कृष्ण सोरी (बलराम) मलि विगलि द्वीपायन मारणवक नारद मुरूपदत सात्यकिपुत्र F
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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