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________________ गाथा : १४२३-१४२५ ] पजत्यो महाहियारो [ ४११ प्र :-इन बारह पक्रवतियोंमेंसे माठ चक्रवर्ती मोक्षको, बह्मदत्त मोर सुमोम सातवीं पृथिवीको तथा मषवा एवं सनत्कुमार चक्रवर्ती समस्कुमार नामक तीसरे कल्पको प्राप्त हुए हैं ।।१४२२॥ ।। इसप्रकार चक्रवतियोंको प्ररूपणा समाप्त हुई ।। बलदेव, नारायण एवं प्रतिनारायणोंके नामबिजओ अचसो धम्मो, 'सप्पहणामो सुरंसगो की । मंदिमितो य रामो, 'परमो गव होति बसवेवा ॥१४२३।। पर्व:-विजय, अपल, धर्म, सुप्रभ, सुदर्शन, नन्दो, नन्दिमित्र, राम और पन ये नो . बलदेव हुए हैं ।।१४२३।। होति तिविठ्ठ-मुषिद्वा, सबभ-पुरिसुसमा य परिससिहो । पुरिसवर • पुरीओ', बत्तो शारामनों किण्हो ॥१४२४।। अ:-त्रिपृष्ठ, हिपृष्ठ, स्वयम्भू. पुरुषोत्तम, पुरुषसिंह, पुरुषपुण्डरीक, पुरुष-दप्त, नारायण (सक्मए) मोर कृष्ण ये नौ नारायण हुए हैं ॥१२॥ मस्सगोषो तारग - भेरग • मधुकीदमा णिसुभो य । पति - पहरणो म रावन - जरसंघा' गाव य परिसत ॥१४२५।। प्र :-अश्वनीद, तारक, मेरक, मधुकैटभ, निशुम्भ, बलि, प्रहरण, रामण और जरासंघ ये नो प्रतिशत ( प्रतिनारायण ) हुए है ।।१४२५।। १.प. उ. मुराप्पाणामो। २. द. २. क. ज. प. स. पाउमो एरे पर बजदेवा य दिया । ।.... . ज. य. न. पुरीया । :, ... मधुकोटगा । . . . . . म रु. नरसिंघ ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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