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गाया : १३०६-१३१० ]
चउत्पो महाहिगारो
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अर्थ :- अब मैं ( श्री यतिवृषभाचार्य ) अनुक्रम से चक्रवर्तियों की आयु कुमारकास sesोककाल, विग्विजय काल, राज्य काल और संयमकाका प्रमारण कहता हूँ ।। १३०५ ॥ चक्रवासियों की भावु
चरम्भहिया सीवी, बाहतरि पुष्पवाचि लक्खाणि । पंच तिय एक ईन्डर लास पालमा ०६
सट्टी तीसं दस तिम, बास-सहस्वाणि सत्तय सवण । कमसो भरहावोनं, चक्की श्राउ परिमाणं ।। १३०७ it
आउ पुव्व ८४ ल । पुष ७२ ल । बरिस ५ ल । ३ । १ ल । ६५००० ६४००० । १०००० | ३००० | ७०० |
६०००० | ३००००
|| आऊ परिमाणं गदं ॥
म :- भरतादिक ऋतियों की प्राबुका प्रमाण क्रमशः चौरासी लाख पूर्व, बहत्तर लाख पूर्व, पांच लाख वर्ष तीन लाख वर्ष, एक लाख वर्ष पंचानवं हजार चौरासी हजार, साठ हजार, तीस हजार, बस हजार, तीन हजार और सातसौ वर्ष है ।। १३०६-१३०७॥
| आयु प्रमाण कालका कथन पूर्ण हुआ ।
कुमार-कालका प्रमाण
सततरि सबलारिए, पन्नास सहस्सयाणि पुरुवाणं ।
पणुवीस सहस्ता वासानं ताद विगुणाई ।। १३०८ ।।
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पबोस सहस्ताई, तेवीस इगिवीस सहस्सानि, पंच
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पुद ७७ स पु ५०००० । यस्स २५००० | ५०००० |
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सहस-सत सय पष्णा ।
सहस्सामि पंच सा ।। १३०९ ॥
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२५००० | २३७५० १ २१००० | ५००० | ५०० |
पणुवीसाहिय-ति-सया, ति-सयाई अटुवीस इय कमलो
भर हादिषु पनको
३२५ । २०० । २६ ।
| कुमार-कालं गदं ।
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कुमार कालहस परिमारणं ।। १३१० ॥