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________________ artists... Ra s tram # HARE गावापृ. पालतियों का संयमकाल Ytent की पर्यापान्तर प्राप्ति १४२२१४०६ बलदेव, नारायण एवं प्रतिनारायणों का निरूपण .१४२४११ ग्यारह डों का निरूपए १४५२१ नौनारवों का निरूपण १४१४३. चौबीस कामदेव १४४ivat १६. महापुरुषों का मोक्षपद निदेन १४८५१ दुषमा काल का प्रवेश एवं उसपे जावु माधि का प्रमाण १४८६४ मोसमाति अनुबद्ध केवली १४८८।४३२ अम्तिम बसी आदि का निर्देश . १४६१४३२ पोवह पूरीधारियों के नाम एवं उनके काम का प्रपारा १४६४|४३ दसपूर्वशरी व उनका कात १४६७४३४ प्यार अंगमारी एवं उनका काम १५००1४४ बागारांपपारी पर्ष उनका काल १५.२ar गौतम पखवर मे लोहामं तक का सम्मिलित काम प्रमाण १५०४१४३५ अतीय नष्ट होने का समय ११००४३६ चातुर्वण्य सब का मस्तिस कान १५०६।०६ नक राजा की उत्पत्ति का समय १५०८/४३७ गुप्तों का और चतुर्पस का राग्यकाल tre पालक का राज्याभिषेक १९७९ पालक, विजय, मुरागी तपा पुष्प मित्र का राज्यकाल १५१८३९ पमुमित्र, अग्निमित्र, गन्धर्व, नरवाइन मृत्यज मार मुप्तवंनियोंका स. का. १५१९४० कल्फी की माषु एवं उसका राम्यकाल १५२||४० कल्को का पट्टबन्ध १५२४० करकी एवं उपस्कियों का समय १५२८४२ प्रतिषमा काल का निरूपण १५५६/४ उत्सरिणीकालमा प्रवेश और श्रेय काकानमान १५७८४१२ का प्रपमकाप १५७२ विषय गारा/प. दुषमाकाल का निरूपण १५८८१४५४ दुषममुषमा काल का निरूपण २५१७१४५६ मुषमयमा काल का निरूपस १५४६२ सुषमा काल का निरूपण १६२४३ मुषपसुचना काल का निरूपण १६२४४६४ नसपिणी-अवसर्पिणों परिवर्तन १६२८४६४ पांच म्लेश्वग्हों पर विचार श्रेणियों में प्रमतमानकाल का निपम १६२६४६१ उस्सपिगोपाल के अतिदुषमादि तीन कासों में जीवॉकी संख्यावरि का क्रम १६०४५ विकलेटियों का नाम कल्पमों की उत्पत्ति २६३२।४६५ विकलेमिमय जीवों की उत्पत्ति एवं पति ११३४१४६६ हुण्डावसपिनो एवं उसके विज्ञ १ ६३७५४६७ हिमवान् पर्वत का उत्सेध, अवगाहर विस्तार की उत्तर जीवा १६४७१ .. .के उतार मे पनु पृष्ठ १६४८/rut . . की पूनिका १६४६४७९ को यामुगा १६५०1७२ की देदिया, वनप्लग १६४७२ ... , के कुरा के नाम १५२४ कूटों मा विस्तार आधि १६५४७३ प्रयम कूटस्य जिनमवन १६५६।७३ पटों पर स्थित म्पत्तर नगर १६७२।७६ हिममान पर्वतम्ब पनाह का पनि १६८०1७७ पपदह मे स्मित कमाल का निरूपण १६RIME कमस में स्थित श्रीदेगी का १६१४४५० रोहितास्या नदी का निर्देश १७१८४५ हैमवत क्षेत्रमा निरुपण १७२irey पहाहिमवान् पर्वत का निस्पन १७४०|VEL हरिक्षेत्र का निरूपण १७६४५ भिनयत का निरूपण १७७४६ महाविह क्षेत्र का वर्णन १७२७५०३ मन्बर महादर का निरूपए १८०३५०६
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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