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________________ यह मान २५१००४६६१३२ प्राप्त किया गया बतलाया गया है। दूसरे प्रकार से यह मान v_{_२८६५४३२५•• }*x * होता है। इस करने पर उपरोक्त गणना में वर्गमूल निकालने _ ९०६१२६३१८१ = २५१००५३१.१२ वर्ग योजन प्राप्त हुआ है। किन्तु गाया में માં (३६१ पर बचे दोष को छोड़ देने पर क्षेत्रफल २५१००५३५६५ प्राप्त होता है । 1] हैमवत क्षेत्र का क्षेत्रफल - - 00005, क्षेत्रफल: ३१ -- X १६ * ३७६७४ १० ' ३६१४४ (Toooo x १ x ४७३७०६ ६०००० X X १६ Y ×१० Lê आदी सुविधा भी _३६१३४८८४०० _११२३४६६५४१* ३६१ ३६१ [=७८६१०७८४.४० वर्ग योजन । पाकि २६३७८४९३१७० ३६१ उपरोक्त की गणना दूसरे प्रकार से निम्न रूप में प्राप्त होती है : ( १२=४२११२६ ) x (P) =७८६१०७८४१३३ वयोजन, जहाँ गणना में वर्गमूल निकालने के पश्चात् पचे शेव को छोड़ दिया गया है। गावा में इसका प्रमाण ७६१०६६६३ वर्ग योजन दिया गया है । || महाहिमवान पर्वत का क्षेत्रफल - = ~ ( १५०००० Xxx १० _ * {4°×7×३७६७४२११ x१० = = ****£{{*** //102pro २२६६७०८८७.५० वर्ग योजन
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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