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तिमोयपम्हाती
। गापा : ३६४-३६८
मउ कुल • हारा, मेहल - पासव • बमासुलाई।
अंगर - कम्य - प्पाहुदो, होति सहावेल भामरणा ॥३॥ प:-भोगभूमिजोंके मुकुट, कुण्डल, हार, मेखला, प्राप्लम्ब, प्रसूत्र, अंगद मौर कटक
ग्ल - मंगव' - हारा, मउ केयूर - पट्ट - करपाई। पालंब - सुत्त • मेटर • बो-मुद्दी-मेहलासि-कुरिपाओ' ॥३६॥ 'गेवेन्म कणपूरा, पुरिसानं होति सोलसाभरमा ।
चोट्स इस्योसा, छुरिया - करवाल - होचाई ॥३६६॥
म:--भोगभूमि 'कृष्णल, अङ्गद, 'हार, *मुकुट, फेयूर, 'पट्ट, (भालपट्ट), कटक, 'प्रासम्म, 'मूत्र (ब्रह्ममूत्र ), "नूपुर, "दो मुनिकार, मेखला, "असि (करवाल ), "छुरी, "देयफ और "कर्णपूर, ये सोलह प्राभरण पुरुषवर्ग के होते हैं। इनमेंसे छुरी एवं करवालसे रहित शेष चौदह पाभरण महिलावर्गके होते हैं ॥३६५-३६६।।
"कडय-कडि-सुत्त - सेटर • तिरोड पातब-सुस-मुद्दीयो । हारोडल • मउहबहार - भूगमणी वि नेविया ॥३६७।। गंगा - दुरिया खमा, पुरिसाणं होति सोलसाभरणा । पोट्स इत्योन तहा, छुरिया • सग्गेहि परिहीणा ॥१६
पाठान्तरं॥ पर्व:-'कड़ा, 'कटिसूत्र, मुपुर, "किरीट, प्राजम्ब, 'मूत्र, 'मुद्रिका, हार, 'कुण्डल, ."मुकूट, अपहार, पृष्टामणि, पंवेय, "अंगद, '"छुरी और "तलवार ये सोलह भाभरण पुरुषोंके तथा छुरो और तलवार से रहित शेष पौदह पामरण स्त्रियों के होते हैं ॥३६७-३६८।।
पाठान्तर।
२. ....... उ. सुथरियायो।
... बिना।
...ब. व. पंगसम. मंडल। ४. ... .ज. प. उ. स्य ।