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श्रीपरमपूज्य तपोनिधि श्री आचार्य कुंथुसागर महाराज
श्री तपोनिधि आचार्य नमिसागरजी महाराज.
श्री परमपूज्य स्वामिन् ! आपने आत्मकल्याणके सर्वोपरि साधनभूत दैगंबरी दीक्षाको लेकर घोरतपश्चर्या के द्वारा आत्मसाधना की है । आप समस्त संसारके मानवोंके उद्धार के लिए सतत प्रयत्नशील हैं। स्व. परमप्रभावक आचार्य कुंथुसागर महाराजके आप आध्यात्मिक सहयोगी संत हैं । अतः तत्त्वार्थश्लोकवार्तिकालंकार ग्रंथराजके प्रकृत ३ रे खंडको आपके पुनीत करकमलोमें परमादरपूर्वक समर्पण किया जाता है।
श्री धर्मवीर सरसेठ भागचंदजी सोनी. अध्यक्ष-श्री आचार्य कुंथुसागर ग्रंथमाला.