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23. आत्मध्यान की प्रेरणा 24.हेयोपादेय के प्रति व्यवहार 25. आत्म-विषयक तृष्णा भी मोक्षप्राप्ति में बाधक 26. मोक्ष की आकांक्षा भी अहितकर 27.माध्यस्थ-भाव की स्थिति 28. आत्मिक पुरुषार्थ की प्रेरणा 29. स्व-पर भेदविज्ञान 30. अभेद षट्-कारकरूम आत्म-साधना एवं उसका फल 31. ग्रन्थ का फल-प्ररुपण 32. कन्नड़ टीकाकार की प्रशस्ति 33. संस्कृत टीकाकार की प्रशस्ति 34. प्रथम परिशिष्ट (पद्यानुक्रमणिका) 35. द्वितीय परिशिष्ट (शब्दानुक्रमणिका) 36. तृतीय परिशिष्ट (सन्दर्भग्रन्थसूची) 37. चतुर्थ परिशिष्ट (अज्ञातकर्तृक संस्कृतटीका)
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