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अध्याय
विषय श्लोक अध्धाय विषय
प्रलंक पिण्डस्थ ध्यान और धारणा
मपातीत वा सिद्धोंका ध्यान वा तत्वका स्वरूप
शुक्ल ध्यानका स्वरूप और उसके भेदोंका पदस्थ ध्यान तथा मन्त्रोंके नाम
स्वरूप रूपस्थ ध्यान अाईन्तका स्वरूप उनके ध्यान
अन्निम मङ्गल और प्रशस्ति का उपाय और साधनकी महिमा नोट:-जहां श्लोक संध्या नहीं लिखी गई है, वहां पूरे अध्याचमें उमी विपयका वर्णन है ।